BNP NEWS DESK। Chandrayaan-3 जिस लक्ष्य के साथ रोवर ‘प्रज्ञान को भेजा गया था उसने वह काम पूरा कर दिया है। अगर वह स्लीप मोड से नहीं जागता तो भी कोई समस्या नहीं होगी। जो अपेक्षाएं प्रज्ञान से की गई थीं उन्हें पूरा करने में प्रज्ञान स्लीप मोड में जाने से पहले ही सफल हो गया। चंद्रमा पर रात होने से पहले प्रज्ञान दो सितंबर और विक्रम चार सितंबर को स्लीप मोड में चला गया था। इसे जगाने का प्रयास किया जा रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने गुरुवार को कहा, चंद्रयान-3 का रोवर ‘प्रज्ञान’ इस समय स्लीप मोड में है। चंद्रमा पर शून्य से लगभग 200 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान के कारण अगर इसके इलेक्ट्रानिक सर्किट क्षतिग्रस्त नहीं हुए होंगे तो यह फिर से सक्रिय हो जायेगा। अगर यह नहीं जागा तब भी कोई बात नहीं क्योंकि रोवर ने वह काम कर दिया है जिसकी अपेक्षा इससे की गई थी। इसरो प्रमुख सोमनाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। इसरो प्रमुख ने कहा कि इसरो एक्सपोसेट या एक्स-रे पोलरीमीटर सेटेलाइट लांच करने की तैयारी कर रहा है।
उन्होंने कहा, एक्सपोसेट तैयार है। इसे पीएसएलवी राकेट से लांच किया जाएगा। इसका प्रक्षेपण नवंबर या दिसंबर में किया जा सकता है। इस सेटेलाइट को उन तारों के अध्ययन के लिए भेजा जाएगा जो समाप्त होने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। अन्य मिशन जलवायु उपग्रह ‘इनसेट 3डीएस’ की भी तैयारी है। इसे दिसंबर में लांच किया जाएगा। फिर एसएसएलवी डी3 का प्रक्षेपण करेंगे। यह लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान है। यह प्रक्षेपण नवंबर या दिसंबर में किया जाएगा। इसके बाद नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार या निसार की बारी आएगी। इसे अगले साल फरवरी में लांच किया जायेगा। ‘गगनयान’ मिशन के परीक्षण यान ‘डी1’ का प्रक्षेपण अक्टूबर में किया जाएगा।
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Chandrayaan-3
Chandrayaan-3 जिस लक्ष्य के साथ रोवर ‘प्रज्ञान को भेजा गया था उसने वह काम पूरा कर दिया है। अगर वह स्लीप मोड से नहीं जागता तो भी कोई समस्या नहीं होगी।
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