BNP NEWS DESK। inflation खुदरा महंगाई धीरे-धीरे कम हो रही है लेकिन लेकिन खाद्य वस्तुओं की ऊंची और अस्थिर कीमतें मुद्रास्फीति में कमी के रास्ते में बाधा बन रही है। ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ शीर्षक से जून, 2024 के बुलेटिन में प्रकाशित लेख में कहा गया कि 2024 की पहली तिमाही में वैश्विक वृद्धि मजबूत थी और कई केंद्रीय बैंकों ने अपने-अपने देशों में मुद्रास्फीति में गिरावट को देखते हुए कुछ नरम मौद्रिक नीति की ओर रुख किया है।
inflation उच्च आवृत्ति वाले संकेतक (जीएसटी संग्रह, बिजली खपत, माल ढुलाई, पीएमआइ आदि) बताते हैं कि भारत में वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर मोटे तौर पर उससे पिछली तिमाही में हासिल की गई गति को बनाए रखेगी।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबव्रत पात्रा की अगुआई वाली टीम के लिखे इस लेख में कहा गया है कि इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले आने से कृषि की संभावनाएं सकारात्मक हो रही हैं। लेख में लिखा गया है, ‘खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी का कारण मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति (ईंधन और खाद्य वस्तुओं को छोड़कर) में निरंतर कमी आना है।
हालांकि, खाद्य वस्तुओं की अस्थिर और उच्च कीमतों के कारण महंगाई घटने का मार्ग बाधित हो रहा है।’ आरबीआइ को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
आरबीआई ने आवेदन मंगाए
आरबीआई ने एनबीएफसी के लिए स्व-नियामकीय संगठनों (एसआरओ) की मान्यता के लिए बुधवार को आवेदन आमंत्रित किए। एसआरओ के रूप में मान्यता मिलने के बाद या परिचालन शुरू होने से पहले के एक साल में न्यूनतम दो करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए। गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र के लिए अधिकतम दो एसआरओ को मान्यता दी जाएगी।
The Review
inflation
खुदरा महंगाई धीरे-धीरे कम हो रही है लेकिन लेकिन खाद्य वस्तुओं की ऊंची और अस्थिर कीमतें मुद्रास्फीति में कमी के रास्ते में बाधा बन रही है।
Discussion about this post