BNP NEWS DESK। Samajwadi Party मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ रिश्तों में आई खटास के बाद समाजवादी पार्टी ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सीटों के तालमेल को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है।
Samajwadi Party बुधवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में हुई सपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वैसे तो पार्टी प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन गठबंधन हुआ तो भी वह कम से कम 65 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।
यह पहला मौका है जब आइएनडीआइए में शामिल सपा ने लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर अपने पत्ते खोले हैं। अखिलेश ने कहा कि मप्र विधानसभा चुनाव में सीटों के तालमेल को लेकर आखिरी समय तक उनकी कांग्रेस नेता कमलनाथ से बात होती रही। कांग्रेस ने भी माना था कि मप्र में छह विधानसभा सीटों पर सपा अच्छा चुनाव लड़ेगी।
इसी आधार पर कांग्रेस ने हमें सीटें देने का आश्वासन दिया था लेकिन अंततोगत्वा कांग्रेस ने उस इकलौती सीट पर भी अपना प्रत्याशी उतार दिया जहां पिछले विधानसभा चुनाव में सपा जीती थी। उन्होंने कहा कि उप्र में सपा बड़ी है। लिहाजा लोकसभा चुनाव में उप्र में सीटों के तालमेल में उसकी निर्णायक भूमिका होगी।
प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के बाद हुई पहली बैठक में सपा अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की चुनावी तैयारियों को उड़ान देने के साथ इस पर भी जोर दिया कि पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के कदम यथार्थ के धरातल पर टिके रहें। वहीं उन्होंने यह भी साफ किया कि जातिवार जनगणना की पैरोकारी करते हुए सपा की चुनावी तैयारियां ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) को फोकस में रखते हुए की जाएं।
बूथ प्रबंधन, सदस्यता अभियान व मतदाता सूची पुनरीक्षण पर जोर
प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में प्रभारी नियुक्त करने के प्रयोग से असंतुष्ट नेतृत्व ने बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों व सदस्यों को हर विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी का दायित्व सौंपा है। विधानसभा क्षेत्र प्रभारी पर संबंधित क्षेत्र में पार्टी के बूथ प्रबंधन व सदस्यता अभियान को गति व मजबूती देने के साथ मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की निगरानी की जिम्मेदारी भी होगी।
उसे आवंटित विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक बूथ अध्यक्ष, बूथ, सेक्टर व जोनल प्रभारियों का भौतिक सत्यापन करना होगा और विभिन्न कमेटियों के सदस्यों से परिचय प्राप्त करना होगा। बूथ कमेटियों का सत्यापन करते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके गठन में पीडीए का फार्मूला लागू हुआ है।
उनसे विधानसभा क्षेत्र में 100 ऐसे बूथ चिन्हित करने के लिए कहा गया है जिनमें पीडीए का वर्चस्व हो और इन बूथों पर पार्टी के वोट बढ़ाने की हिदायत दी गई है।
हर माह भेजनी होगी रिपोर्ट : विधानसभा क्षेत्र प्रभारी को क्षेत्र में सक्रिय रहना होगा और उन्हें माह के पहले शनिवार को होने वाली पार्टी की जिला इकाई की बैठक और महीने की पांच तारीख को होने वाली विधानसभा क्षेत्र की बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना होगा। प्रत्येक माह के अंत में उन्हें विधानसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों पर केंद्रित समग्र रिपोर्ट सपा के प्रदेश कार्यालय को भेजनी होगी।
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Samajwadi Party मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ रिश्तों में आई खटास के बाद समाजवादी पार्टी ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सीटों के तालमेल को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है।
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