BNP NEWS DESK। Naib Singh Saini हरियाणा को 56 साल बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से नायब सिंह सैनी के रूप में मुख्यमंत्री मिला है। प्रदेश में पांच दशक से अधिक समय के बाद दूसरी बार नायब सैनी के रूप में अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। मध्य प्रदेश में मोहन लाल यादव के बाद हरियाणा दूसरा ऐसा राज्य है, जहां भाजपा ने अन्य पिछड़ा वर्ग से मुख्यमंत्री दिया है।
भाजपा के इस दांव से कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जातीय कार्ड खेलने की रणनीति को गहरा धक्का लगा है। हरियाणा में ओबीसी की संख्या करीब 33 प्रतिशत है, जो किसी भी चुनाव में राजनीतिक दलों की हार जीत का बड़ा कारण बनते हैं। नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा जहां ओबीसी का समर्थन हासिल करेगी, वहीं मनोहर लाल के नेतृत्व में पंजाबियों को पार्टी से जुड़ने का काफी लाभ मिलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
पहली नवंबर, 1966 को हरियाणा अस्तित्व में आया था। 1967 में पहली बार ओबीसी से राव बिरेंद्र सिंह ने हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री और ओबीसी वर्ग के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। तब से लेकर वर्ष 2014 तक अलग-अलग समुदाय के मुख्यमंत्री बने, लेकिन ओबीसी का कोई व्यक्ति सीएम पद की कुर्सी तक नहीं पहुंचा। नायब सिंह सैनी को सीएम बनाकर भाजपा ने ओबीसी का भरोसा जीतने की कोशिश की है।
गुरुग्राम में ही नायब को मिल गया था इशारा
बृजेश द्विवेदी, कुरुक्षेत्र : द्वारका एक्सप्रेस-वे के गुरुग्राम खंड के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी से कहा था -मेरे साथ चंडीगढ़ चलो। अपनी सुविधा के अनुसार शाम तक पहुंच जाओ। चंडीगढ़ में मंगलवार सुबह जरूरी मीटिंग है। इसमें उनका रहना जरूरी है।
किस बारे में मीटिंग बुलाई गई है यह नहीं बताया। एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रधान नरेन्द्र मोदी से इशारा मिलने बाद पूरा घटनाक्रम तेजी आगे बढ़ता गया। मनोहर लाल को पहले से ही इसकी जानकारी थी। नायब सैनी के पीए एवं कार्यालय प्रभारी कैलाश सैनी ने दैनिक जागरण को बताया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी गुरुग्राम से रात आठ बजे कुरुक्षेत्र स्थित अपने कार्यालय पहुंचे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि आप मेरे साथ चलें या अपनी सुविधा के अनुसार आ जाएं।
नायब सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र में कुछ जरूरी काम है वह निपटा कर रात को पहुंच जाऊंगा। नायब सैनी 10 दस बजे कुरुक्षेत्र से चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। कैलाश सैनी की मानें तो तब तक नायब सैनी को भी नहीं पता था कि मीटिंग किस बारे में है? मंगलवार को हुई मीटिंग के बाद ही नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा हुई।
इससे यह भी स्पष्ट हो गया है। एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इशारा मिलने बाद पूरा घटनाक्रम से तेजी आगे बढ़ा। इसके बाद ही मीटिंग के बाद नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा की गई।
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Naib Singh Saini
हरियाणा को 56 साल बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से नायब सिंह सैनी के रूप में मुख्यमंत्री मिला है।
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