Bnp News Desk : Gyanvapi Survey ज्ञानवापी परिसर के एएएसआई सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आ गया है। मस्जिद कमेटी की ओर से जिला कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केस हाई कोर्ट ले जाने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी।
ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला गुरुवार को आया। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की ओर से फैसला आने के बाद साफ हो गया कि अब ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे होगा। इस फैसले का इंतजार हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष की ओर से किया जा रहा था। एएसआई सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अभी रोक लगा रखी थी। दरअसल, वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने ज्ञानवापी सर्वे का आदेश जारी किया था। अब जिला कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट ने बरकरार रखने का आदेश जारी किया है। इस प्रकार ज्ञानवापी परिसर के एएसआई पर लगी रोक भी हट गई है। जिला कोर्ट के फैसले के बाद एएसआई की टीम ने 24 जुलाई को सर्वे का कार्य शुरू किया था। सर्वे का कार्य शुरू होते ही मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई सर्वे पर तत्काल रोक लगाते हुए 26 जुलाई शाम 5 बजे तक फैसला सुनाने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद 27 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट ने 3 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया। हाई कोर्ट का गुरुवार को बड़ा फैसला आया।
ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे की रोक की मांग लगातार मुस्लिम पक्ष की ओर से की जा रही थी। हाई कोर्ट के फैसले ने साफ कर दिया है कि जिला कोर्ट के आदेश के तहत चल रही सर्वे की प्रक्रिया को आगे भी जारी रखा जाएगा। जिला कोर्ट ने एएसआई को सर्वे का काम पूरा कर 4 अगस्त तक रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया था। हालांकि, कोर्ट में मामला खिंचने के बाद सर्वे की प्रक्रिया पर रोक लग गई। वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में 4 अगस्त को ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर सुनवाई होनी है। कोर्ट में एएसआई की ओर से सर्वे को लेकर स्टेटस रिपोर्ट पेश किया जा सकता है।
ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कराए जाने को हाईकोर्ट की हरीझंडी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिषद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई) से साइंटिफिक सर्वे कराए जाने संबंधी वाराणसी जिला जज के फैसले को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की याचिका खारिज कर दी है । कोर्ट ने कहा है कि न्याय हित में सर्वे कराया जाना उचित है । मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने यह फैसला सुनाया। निर्णय भोजनावकाश के बाद सुनाए जाने की बात थी लेकिन पहले ही सुना दिया गया। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीन दिन 25 26 और 27 तारीख को जुलाई को सुनवाई हुई थी। वाराणसी के जिला जज ने 21 जुलाई को फैसला दिया था । मस्जिद पक्ष 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने के लिए निर्देशित किया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीन दिनों में लगभग सात घंटे सुनवाई चली थी। मस्जिद पक्ष ने कहा था कि सर्वे से ढांचे को क्षति पहुंच सकती है लेकिन एएसआइ की तरफ से कहा गया कि ऐसा कुछ नहीं होगा।
सर्वे पर लगी रोक समाप्त : चीफ जस्टिस
चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा कि सर्वे पर लगी रोक समाप्त की जाती है। कोर्ट ने एएसआई सर्वे को लेकर एएसआई की तरफ से दिए हलफनामे को लेकर कहा कि उस पर अविश्वास करने का कोई आधार नहीं है। हलफनामा में एएसआई ने कहा था कि उनके सर्वे से ज्ञानवापी परिसर में किसी भी प्रकार का इंच भर भी नुकसान नहीं होगा। हाईकोर्ट ने वाराणसी लोवर कोर्ट के सर्वे कराने के आदेश को भी सही माना है। आगे की कार्रवाई करने को कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया है।
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