BNP NEWS DESK। gold loan सख्त नियमों के चलते वृद्धि में नरमी के बावजूद देश के संस्थागत गोल्ड लोन बाजार का आकार अगले पांच वर्षों के दौरान दोगुना होकर 14.19 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है। सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान संस्थागत गोल्ड लोन बाजार में पर्याप्त वृद्धि रही है और इसका आकार 7.1 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
भारतीय परिवारों के पास भारी मात्रा में सोना है
gold loan रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2028-29 तक 14.85 प्रतिशत वर्ष-दर वर्ष वृद्धि के साथ इसके लगभग 14.19 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय परिवारों के पास भारी मात्रा में सोना है और इनके पास 25 हजार टन सोना होने का अनुमान है। इस समय सोने का मौजूदा मूल्य करीब 126 लाख करोड़ रुपये है।
gold loan रिपोर्ट के अनुसार, नियामकीय प्राधिकरणों की ओर से सख्ती बढ़ने के कारण अगले दो वर्षों के दौरान गोल्ड लोन बाजार की वृद्धि में नरमी रह सकती है। साथ ही आरबीआइ ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को गोल्ड लोन के तौर पर 20 हजार से ज्यादा राशि नकद में नहीं देने की सलाह दी है। इससे ग्राहक गैर-संस्थागत क्षेत्र की ओर से रुख कर सकते हैं। नियामकीय सख्ती और गाइडलाइंस में संशोधन के कारण प्रमुख एनबीएफसी के शेयरों में भी गिरावट आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष के दौरान सोने की कीमतों में तेज वृद्धि रही है। इस कारण भी गोल्ड लोन देने वाले ब्याज दरों और मूल्य निर्धारण को लेकर सतर्क रुख अपना सकते हैं। gold loan
बरकरार रहेगी देश की आर्थिक विकास दर की गति
अनियमित मानसून के बावजूद भारत की आर्थिक गति बरकरार है और आर्थिक समीक्षा में 6.5 से 7.0 प्रतिशत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का अनुमान सही जान पड़ता है। वित्त मंत्रालय की जुलाई की मासिक आर्थिक के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों में अपनी गति बनाए रखी है।
गुरुवार को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार (अप्रैल-जुलाई) महीनों में जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह कर आधार के विस्तार तथा आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के दम पर मुमकिन हुआ। रिपोर्ट में कहा गया, ‘मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र के क्रय प्रबंधकों के सूचकांक के मजबूत प्रदर्शन से भी घरेलू गतिविधियों में मजबूती का पता चलता है।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि का कारण मांग का बढ़ना
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि का कारण मांग का बढ़ना, नए निर्यात आर्डर में तेजी तथा उत्पादन कीमतों का बढ़ना है।’ रिपोर्ट में राजकोषीय मोर्चे पर कहा गया कि वित्त वर्ष 2024-25 के बजट ने राजकोषीय मजबूती का मार्ग प्रशस्त किया है। मजबूत राजस्व संग्रह, राजस्व व्यय में अनुशासन तथा मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के समर्थन से राजकोषीय घाटे में कमी आने का अनुमान है। साथ ही, इसमें कहा गया कि पूंजीगत व्यय को उच्च स्तर पर बनाए रखा गया है, जिससे नए निजी निवेश चक्र को समर्थन मिल रहा है।
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नरमी के बावजूद देश के संस्थागत गोल्ड लोन बाजार का आकार अगले पांच वर्षों के दौरान दोगुना होकर 14.19 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है।
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