BNP NEWS DESK | Gangasagar हिंदुओं की आस्था के महापर्व मकर संक्रांति पर गंगा सागर जाकर पुण्य स्नान करने और वहां से लौटने के लिए अब अलग से बस व फेरी के टिकट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक ही टिकट से कोलकाता से Gangasagar पहुंच जाएंगे और उसी टिकट से वापस लौटा भी जा सकेगा। बंगाल सरकार ने देश के कोने-कोने से आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था की है।
सेवा 12 जनवरी से शुरू होकर 17 जनवरी तक चलेगी
Gangasagar तीर्थयात्रियों को इससे काफी सुविधा होगी। उन्हें बस व फेरी के टिकट के लिए बार-बार लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। जाने व लौटने के टिकट का मूल्य 200 रुपये रखा गया है। तीर्थयात्री चाहे तो सिर्फ जाने या लौटने का टिकट भी कटा सकते हैं। उसके लिए 100 रुपये का भुगतान करना होगा। यह सेवा 12 जनवरी से शुरू होकर 17 जनवरी तक चलेगी।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के समय राज्य के परिवहन विभाग की ओर से यह सेवा प्रयोगात्मक तौर पर शुरू की गई थी, जिसे अब पूर्ण रूप से शुरू किया जा रहा है।
हावड़ा व कोलकाता के बाबूघाट इलाके से टिकट खरीदा जा सकेगा
प्राप्त जानकारी के मुताबिक हावड़ा व कोलकाता के बाबूघाट इलाके से टिकट खरीदा जा सकेगा। उस टिकट से तीर्थयात्री बस से नामखाना अथवा हारवुड प्वाइंट तक का सफर कर सकेंगे। फिर उसी टिकट से उन्हें फेरी से सागरद्वीप के कचुबेरिया घाट तक ले जाया जाएगा। बस के टिकट का मूल्य प्रति व्यक्ति 60 रुपये और फेरी का प्रति व्यक्ति 40 रुपये रखा गया है। लौटने का टिकट साथ कराने पर यह प्रति व्यक्ति क्रमश: 120 रुपये व 80 रुपये होगा।
इस बार पौष पूर्णिमा छह जनवरी को पड़ रही है। इस दिन से ही माघ पर्यंत स्नान-दान, जप, व्रत, यम, नियम, संयमादि का आरंभ हो जाएगा। ये विधान माघ पूर्णिमा यानी पांच फरवरी तक चलेंगे। इसके बीच ही 15 जनवरी को मकर संक्रांति, 21 जनवरी को मौनी अमावस्या व 26 जनवरी को वसंत पंचमी पड़ेगी।
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हिंदुओं की आस्था के महापर्व मकर संक्रांति पर गंगा सागर जाकर पुण्य स्नान करने और वहां से लौटने के लिए अब अलग से बस व फेरी के टिकट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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