BNP NEWS DESK। Diwali 2023 कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी 10 नवंबर को दिन में 12:36 मिनट से 11 नवंबर को दिन में 1:59 बजे तक रहेगी। चित्रा नक्षत्र 10 नवंबर को रात्रि 12:08 बजे से 11 नवंबर को रात्रि 1:47 बजे तक रहेगा।
Diwali 2023 पंच दीपोत्सव में इस बार तिथियों के अंतर के कारण धनतेरस 10 नवंबर को है। कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी 10 नवंबर को दिन में 12:36 मिनट से 11 नवंबर को दिन में 1:59 बजे तक रहेगी।
चित्रा नक्षत्र 10 नवंबर को रात्रि 12:08 बजे से 11 नवंबर को रात्रि 1:47 बजे तक रहेगा। 11 नवंबर को दोपहर 1:58 बजे चतुर्दशी तिथि आ जाएगी। इस कारण 12 नवंबर को प्रात:काल में रूप चतुर्दशी का स्नान होगा।
12 नवंबर को मध्याह्न 2:45 बजे अमावस्या आ जाएगी। इसलिए 12 नवंबर को ही महालक्ष्मी पूजन और दीपोत्सव मनाया जाएगा। Diwali 2023
14 नवंबर को कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा नौ मुहूर्त से अधिक होने पर 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट होगा और भाई दूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा।
आमतौर पर धनतेरस के दूसरे दिन रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार तिथियां के अंतर के कारण नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली और दीपावली दोनों एक ही दिन होंगे। 12 नवंबर को प्रातःकाल रूप चतुर्दशी और शाम में दीपोत्सव व महालक्ष्मी पूजन होगा।
दीपावली महापर्व की तिथियां
धनतेरस- 10 नवंबर
मासिक शिवरात्रि और हनुमान जयंती – 11 नवंबर
छोटी दीपावली या रूप चौदस और दीपावली – 12 नवंबर
सोमवती एवं देव पितृकार्य अमावस्या – 13 नवंबर
गोवर्धन पूजा – 14 नवंबर
भाई दूज – 15 नवंबर
सुख सौभाग्य के साथ ही अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने वाले महापर्व दीपावली पर इस बार महासंयोग निर्मित हो रहे हैं। तिथियों के बढ़ने के कारण पंचददीपोत्सव इस बार छह दिन के होंगे।
10 नवंबर को धनतेरस से पंच दीपोत्सव की शुरुआत होगी और 15 नवंबर को भैयादूज के साथ इसका समापन होगा।
दीपावली पर सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। सौभाग्य योग में की गई पूजा-अर्चना से सुख समृद्धि, वैभव एवं ऐश्वर्य में बढ़ोतरी होती है।
पूजन के लिए प्रदोषकाल स्थिर लग्न एवं निशीथ काल फलदायी रहता है। कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 2.46 बजे से 13 नवंबर को दिन में 2.58 बजे तक रहेगी।
सौभाग्य योग का संयोग 12 नवंबर को दिन में 4:24 बजे से 13 नवंबर को दिन में 3:23 मिनट तक रहेगा। दीपावली के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रदोषकाल में शाम को 5:11 बजे से रात्रि 7:48 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष काल में स्थिर वृषभ लग्न का संयुक्त सर्वोत्तम योग शाम को 5:22 बजे से रात्रि 7:19 बजे तक रहेगा।
स्थिर लग्न सिंह रात्रि 11:50 बजे से अर्धरात्रि के पश्चात 2:04 तक ही है। यह मुहूर्त सिंह लग्न में पूजा करने वालों के शुभ फलदायी है।
निशीथ काल रात्रि 11:15 बजे से रात्रि 12:07 बजे तक है। सिंह लग्न एवं निशीथ काल का संयुक्त समय रात्रि 11:50 बजे से रात्रि 12:07 बजे तक रहेगा।
काशी में 15 नवंबर को होगी गोवर्धन पूजा
ज्योतिषाचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस बार तिथियों के भुक्त भोग्य के अंतर के कारण पंच दीपोत्सव छह दिनों तक मनाया जाएगा।
14 नवंबर को कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा नौ मुहूर्त से अधिक होने पर 14 नवंबर को काशी के अलावा अन्य जगह गोवर्धन पूजा और अन्नकूट होगा और भाई दूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा। काशी में गोवर्धन पूजन 15 नवंबर को होगी।
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Diwali 2023
Diwali 2023 कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी 10 नवंबर को दिन में 12:36 मिनट से 11 नवंबर को दिन में 1:59 बजे तक रहेगी।
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