बीएनपी न्यूज डेस्क। तीर्थराज प्रयाग में मकर संक्रांति पर संगम में स्नान करने के लिये श्रद्धालु पहुंचे। कोरोना की भयावह स्थिति से बेखौफ श्रद्धालु गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में डुबकी लगा रहे हैं। संगम के अलावा गंगा के रामघाट, दारागंज, अक्षयवट, गंगोली शिवाला व फाफामऊ घाट पर भोर से पुण्य की डुबकी लग रही है। सूर्योदय के बाद स्नानार्थियों की भीड़ बढ़ती जाएगी। डुबकी लगाकर निकलने वाले पूजन करके सकल सिद्धि की कामना कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों को यथा सामर्थ खिचड़ी, काला तिल, गुड़, कंबल आदि का दान देकर आशीष ले रहे हैं।
सूर्यदेव 14 जनवरी की रात 8.49 बजे सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद सूर्य उत्तरायण होंगे। यहीं से मकर संक्रांति की पुण्य बेला शुरू होगी। इससे स्नान का सिलसिला दिनभर चलता रहेगा। काफी श्रद्धालु रात में भी डुबकी लगाएंगे। मकर संक्रांति का स्नान करने के बाद संगम तट पर हजारों श्रद्धालु कल्पवास शुरू कर देंगे।
संक्रांति भले ही शुक्रवार रात 8:39 बजे लग रही है लेकिन काशी के घाटों पर स्नान-ध्यान और दान करने वाले आस्थावानों की जुटान भोर से ही हो गई है। पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आए श्रद्धालुओं ने दशाश्वमेध, पंचगंगा सहित अन्य घाटों पर स्नान किया। उसके बाद घाट किनारे बैठे जरूरतमंदों को साथ लाए अन्न, वस्त्र और द्रव्य का दान दिया। इसके बाद श्रद्धालुओं का रेला दशाश्वमेध घाट स्थित खिचड़ी बाबा के मंदिर की ओर बढ़ चला। दूर से ही बाबा को प्रणाम कर। यह रेला बाबा का प्रसाद ग्रहण करते हुए वृहस्पति भगवान के मंदिर की बढ़ा। यहां दर्शन-पूजन के बाद आस्थावान बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। बाबा दरबार में मत्था टेकने के साथ ही श्रद्धालुओं ने परिवार के सुख-शांति-समृद्धि-आरोग्यता के लिए कामना किया।
माघ मेला में सिलेंडर लीकेज से लगी आग, टेंट समेत अन्य सामान राख
माघ मेला के अरैल क्षेत्र में गुरुवार दोपहर गैस सिलेंडर में आग लगने से कल्पवासी बिट्टन देवी का टेंट जलकर राख हो गया। टेंट में रखे खाद्य पदार्थ और अन्य सामान भी जल गए। अचानक आग की लपटें उठतीं देख मेला क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। ड्यूटी पर तैनात सिविल डिफेंस के स्वयं सेवकों ने सिलेंडर को बाहर निकाला। अग्निशमन व पुलिस कर्मियों ने आग को बुझाया गया। बिट्टन देवी के मुताबिक गैस सिलेंडर में लीकेज था। वह खाना खाना बनाने के लिए सिलेंडर को जैसे ही आन किया। आग फैल गई।
Discussion about this post