BNP NEWS DESK। Dev Diwali 2023 केन्द्रीय देव दीपावली एवं आरती महासमिति के संरक्षक किशोरी रमण दुबे (बाबू महाराज), श्याम लाल सिंह, सुशांत मिश्रा, आशीष तिवारी,सुरजीत सिंह,हनुमान यादव आदि ने एक सयुक्त वक्तव्य के माध्यम से काशी के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ जी एवं काशी विद्वत परिषद सहित दर्जनों पंचांगकारों, धर्म शास्त्रों के महानुभावों को देव दीपावली आयोजन में उदया तिथि की पूर्णिमा लेने का समर्थन करने के लिए आभार जताया है।
Dev Diwali 2023 खासकर सनातन धर्म के पर्वों,त्यौहारों पर भिन्न-भिन्न मतों में एकता लाने के महान प्रयास हेतु सेतु बनने वाले प्रोफेसर हरिनारायण तिवारी तथा ज्योतिष विद्वान प्रोफ़ेसर रामचंद्र पांडेय के वक्तव्य पर प्रसन्नता जाहिर की है उन लोगों ने कहा है कि देव दीपावली लोक आस्था का पर्व है।
इसका उल्लेख वर्ष 1990 के पहले किसी पंचांग में नहीं मिलता है और जो लोग चतुर्दशी उपरान्त पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाने की सलाह देते हैं वे इसका इतिहास नहीं जानते। पिछले वर्ष ग्रहण के कारण अपवाद स्वरूप विशेष परिस्थितियों में चतुर्दशी उपरान्त पूर्णिमा पर ही देव दीपावली मनाई गई थी।
वो इसलिए कि ग्रहण काल में सूतक काल 8/11/22 को प्रातः 8, बजे से सायं काल 6.30बजे तक में भोग -प्रसाद, दीप- तेल, माला -फूल आदि सब अपवित्र हो जायेगा। लेकिन इस बार उदया तिथि वाली, स्नान -दान वाली कार्त्तिक पूर्णिमा 27, नवम्बर को ही है। तो फिर कोई संशय नहीं है उस दिन देव दीपावली करने में।
यह लोक भावना से , परम्परा का उत्सव है परंपरागत रुप से कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही स्नान दान की जिस दिन पूर्णिमा होती है उस दिन ही सायं बेला में देव दीपावली का आयोजन किया जाता है। केन्द्रीय देव दीपावली एवं आरती महासमिति इस वर्ष आयोजन करने के लिए तिथि भ्रम, भ्रान्ति में भी शान्ति देने वाले, सही निवारण देने वाले विद्वानों, पंचांगकारों, ज्योतिषियों का सम्मान करेगी।
The Review
Dev Diwali 2023
यह लोक भावना से , परम्परा का उत्सव है परंपरागत रुप से कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही स्नान दान की जिस दिन पूर्णिमा होती है उस दिन ही सायं बेला में देव दीपावली का आयोजन किया जाता है।
Discussion about this post