BNP NEWS DESK । Share Market अधिक जोखिम और कम रिटर्न को देखते हुए खुदरा निवेशकों का रुझान बाजार के प्रति कम होता जा रहा है। यही कारण है कि अप्रैल महीने में नए डीमैट खाता खोलने वालों की संख्या सिर्फ 16 लाख रही। बीते वित्त वर्ष 2022-23 में औसतन प्रतिमाह 20 लाख से अधिक नए डीमैट खाते खोले गए। पिछले साल अप्रैल महीने में लगभग 24 लाख नए डीमैट खाते खोले गए थे। फिलहाल, कुल डीमैट खातों की संख्या 11.6 करोड़ पर पहुंच गई है।
नए डीमैट खातों की संख्या में होने लगी गिरावट
Share Market बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना महामारी की शुरुआत में बाजार काफी नीचे चला गया था। उसके कुछ माह बाद से बाजार से लोगों को 15-20 प्रतिशत या उससे भी अधिक का रिटर्न मिलने लगा। जिन लोगों को शेयर बाजार का अनुभव नहीं था, वे भी डीमैट खाता खोल बाजार में निवेश करने लगे।
अब कई वैश्विक वजहों से निवेशकों को उस रफ्तार से रिटर्न नहीं मिल रहा है और कई को फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए अनुभवहीन निवेशकों को बाजार अब फायदे का सौदा नहीं दिख रहा है और नए डीमैट खातों की संख्या कम होती जा रही है। अब बाजार में अधिकतर निवेशक ऐसे हैं जो लंबे समय तक पैसा रोक सकते हैं।
अधिक जोखिम और कम रिटर्न के कारण बदल रहा निवेशकों का रुझान
Share Market नए खुदरा निवेशकों की संख्या कम होने की दूसरी वजह है कि बैंक व कई एनबीएफसी 7-8 प्रतिशत तक का रिटर्न देने लगे हैं। इस निवेश में कोई जोखिम भी नहीं है। एक अप्रैल से आरंभ हो चुकी महिला सम्मान योजना के तहत दो लाख के जमा पर 7.5 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। सरकार के फ्लोटिंग बांड में आठ प्रतिशत तक का रिटर्न मिल रहा है। आमतौर पर बाजार भी कमोबेश सालाना इसी दर से या अधिकतम 10 प्रतिशत का रिटर्न देता है।
आगे अभी जोखिम बाकी
महिंद्रा म्यूचुअल फंड के पूर्व एमडी व सीईओ आशुतोष बिश्नोई ने बताया कि अमेरिका व यूरोप में महंगाई और मंदी जैसी समस्याएं चल रही हैं जिससे उनका बाजार भी प्रभावित है।
उनके नियामक इसे ठीक करने के लिए कदम उठाते हैं तो निश्चित रूप से भारत जैसे उभरते हुए बाजार से विदेशी संस्थागत निवेशक तेजी से निकलेंगे। अमेरिका व यूरोप में ब्याज दरों में बढ़ोतरी व अन्य कदमों से विदेशी निवेशकों की पूंजी की लागत बढ़ेगी। अगर उनकी पूंजी लागत 6-7 प्रतिशत होगी तो विकासशील देशों में 20-22 प्रतिशत रिटर्न मिलने पर ही विदेशी निवेशकों को फायदा होगा और इतना बड़ा रिटर्न मिलना आसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका-यूरोप में जब पूंजी की लागत या ब्याज दर कम होती है तो वहां पैसा सस्ता होता है। ऐसे में वहां के निवेशक भारत जैसे देश में खूब निवेश करते हैं।
निवेशकों के लिए क्या है विकल्प
– बिश्नोई कहते हैं कि निवेशक इक्विटी फंड एसआइपी में अपना पैसा डाल सकते हैं, वहां उन्हें नुकसान नहीं होगा। दूसरा अपने पोर्टफोलियो में निवेशकों को 15 प्रतिशत हिस्सेदारी सोने में निवेश की रखनी चाहिए क्योंकि जब स्टाक मार्केट गिरेगा तो सोना चढ़ेगा जो स्टाक मार्केट के नुकसान की भरपाई कर देगा। सोना भी लंबे समय में आठ प्रतिशत का ही रिटर्न देता है।
– एलकेपी सिक्युरिटीज के वीपी रिसर्च जतीन त्रिवेदी के मुताबिक गत वित्त वर्ष 2022-23 में घरेलू बाजार में सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 52,000 से 60,000 रुपये तक पहुंच गई और सोना ने 15 प्रतिशत का रिटर्न दिया। इस दौरान निफ्टी का रिटर्न फ्लैट रहा या नुकसान वाला रहा। फिलहाल के वैश्विक हालात को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में भी सोना 10-15 प्रतिशत रिटर्न दे सकता है।
The Review
Share Market
अधिक जोखिम और कम रिटर्न को देखते हुए खुदरा निवेशकों का रुझान बाजार के प्रति कम होता जा रहा है।
Discussion about this post