BNP NEWS DESK। Kuno National Park कूनो नेशनल पार्क में एक और मादा चीता की मौत हो गई। माना जा रहा है हाल ही में कूनो में बने बाड़े में मादा चीता दक्षा के साथ रखे गए नर चीता वायु और अग्नि मेटिंग के दौरान हिंसक हो गए, जिससे मादा चीता बुरी तरह घायल हो गई। निगरानी दल के संज्ञान में मामला आने पर तुंरत उपचार भी शुरू किया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
Kuno National Park कूनो में पिछले दो माह में चीतों की यह तीसरी मौत है। नामीबिया से लाई गई साशा चीता ने 24 मार्च में किडनी की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद 23 अप्रैल को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने संदिग्ध परिस्थितियों ने दम तोड़ दिया था। इसकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया, हालाकि अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।
कूनो प्रबंधन द्वारा जारी बयान के अनुसार मंगलवार सुबह 10:45 बजे कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाकर छोड़ी गई मादा चीता दक्षा को मॉनिटरिंग दल ने घायल अवस्था में पाया था। पशु चिकित्सकों ने तुंरत ही इसका उपचार किया, परंतु दोपहर 12 बजे उसकी मौत हो गई। दक्षा चीता को बाड़ा नंबर एक में छोड़ी गया था, उसके पास ही बाड़ा नंबर सात में दक्षिण अफ्रीका से लाये गये चीता वायु तथा अग्नि (भारतीय नाम) को छोड़ा गया था।
30 अप्रैल को कूनो में हुई बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के महानिरीक्षक डा. अमित मलिक, भारतीय वन्यजीव संस्थान के डा. कमर कुरैशी, दक्षिण अफ्रीका से आये प्रो. एड्रियन टोर्डिफ तथा दक्षिण अफ्रीका से आये चीता मेटा पापुलेशन इनिशियटिव के मिस्टर विन्सेंट वेन डर मार्व की मौजूदगी में निर्णय लिया गया था कि अग्नि तथा वायु को मादा चीता दक्षा के साथ समय बिताने दिया जाए। जिसके बाद एक मई को बाडा नंबर सात एवं एक के बीच का गेट खोला गया।
हांलाकि अग्नि और वायु 6 मई को बाड़ा नंबर सात में पहुंचे थे। माना जा रहा है कि इनकी मंगलवार सुबह मादा चीता दक्षा से भिंड़त हुई, हालाकि शरीर पर मिले घाव से प्रथम दृष्टया मेटिंग के दौरान हिंसक होने से भिडंत हुई है। मेटिंग के दौरान इस तरह दो नर चीताओं का मादा चीतों के साथ हिंसक व्यवहार सामान्य है। ऐसी स्थिति में निगरानी टीम द्वारा हस्तक्षेप की संभावना लगभग न के बराबर होती है।
प्रधानमंत्री ने इस प्रोजेक्ट का किया था शुभारंभ
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। उनमें से उदय चीता और दूसरे मादा चीता साशा की मौत कुछ दिन पहले हुई थी। वहीं, क्षिण अफ्रीका से लाई गई दक्षा नामक मादा चीता की मौत आज हो गई। दक्षा मादा चीता को नामीबिया से लाया गया था। इसका पहले नाम ‘फिडा’ था। भारत के श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट पर पूरे विश्व की निगाहें टिकी हुई हैं। कुछ माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया था। एक विराम के बाद चीता युग की शुरूआत की गई थी। हालांकि, अब तीन चीतों की मौत के बाद प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कूनो नेशनल पार्क में 17 बड़े चीते बचे हैं
भारत में चीता प्रोजेक्ट के लिए नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए हैं। अभी तक इनमें से तीन की मौत हो चुकी है। सबसे पहले नामीबिया से आए एक चीते की बीमारी से मौत हुई थी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से आए एक चीते की मौत हुई। दो महीने के अंदर अब तीसरे चीते की मौत हो गई। अब कूनो नेशनल पार्क में 17 बड़े चीते बचे हुए हैं।
Discussion about this post