बीएनपी न्यूज डेस्क। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने साल के पहले चक्रवाती तूफान आसनी के लिए अलर्ट जारी करते हुए कहा कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जिसके 21 मार्च तक तेज होकर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। मौसम एजेंसी ने अपने बुलेटिन में कहा, कम दबाव का क्षेत्र, जो मंगलवार को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना था, 19 मार्च की सुबह तक पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और फिर 20 मार्च तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ उत्तर की ओर बढ़ेगा। अगले एक दो दिनों में भारी बारिश की संभावना है। जानकारों का कहना है कि अगर भविष्यवाणी सही हुई तो ऐसा चक्रवात मार्च के महीने में 132 साल के बाद देखने को मिलेगा।
जानिए आईएमडी ने क्या कहा है
– आईएमडी ने कहा कि वेदर सिस्टम के सोमवार को चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। इसके बाद, इसके लगभग उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढऩे और 22 मार्च की सुबह के आसपास बांग्लादेश-उत्तर म्यांमार तटों के पास पहुंचने की संभावना है।
– मौसम एजेंसी ने यह भी कहा कि एक बार जब सिस्टम चक्रवात में बदलेगा तो इसका नाम आसनी रखा जाएगा, जो श्रीलंका द्वारा सुझाया गया नाम है।
– चक्रवात से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निचले इलाकों में सड़कों पर स्थानीय बाढ़ और जलभराव होने की आशंका है।
– अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सांसद कुलदीप राय ने उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) डीके जोशी से आपदा प्रबंधन मशीनरी को हाई अलर्ट पर रखने का आग्रह किया है।
– उन्होंने जोशी से सभी स्कूलों और कॉलेजों में 19 और 21 मार्च को अवकाश घोषित करने का भी आग्रह किया। 20 मार्च को रविवार होने के कारण भी छुट्टी है।
– यदि पूर्वानुमान सही होता है, तो उष्णकटिबंधीय चक्रवात आसनी मार्च में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से टकराने वाला पहला उष्णकटिबंधीय चक्रवात बन जाएगा। एक प्रख्यात मौसम विज्ञानी ने कहा कि मार्च में कम से कम 132 वर्षों में एक भी उष्णकटिबंधीय चक्रवात इस क्षेत्र में नहीं आया है।
– आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र, केवल आठ चक्रवात – अरब सागर में दो और बंगाल की खाड़ी में छह – मार्च के महीने में 1891 और 2022 के बीच विकसित हुए हैं।
– आठ वेदर सिस्टम में से छह समुद्र के ऊपर फैल गई, एक ने 1926 में एक चक्रवाती तूफान के रूप में तमिलनाडु के तट को पार किया और दूसरा 1907 में श्रीलंका में।
– चूंकि अगले कुछ दिनों तक समुद्र के उबड़-खाबड़ रहने की आशंका है, इसलिए मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे गुरुवार से सोमवार तक दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों में, अंडमान सागर और शुक्रवार और बुधवार के बीच अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ न जाएं।
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