BNP NEWS DESK। election in indore कांग्रेस को इंदौर में सूरत जैसा झटका लगा है। सोमवार को चौथे चरण के चुनाव में नाम वापसी के अंतिम दिन चौंकाने वाले राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस उम्मीदवार विहीन हो गई। इंदौर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी के समर्थन में अपना नामांकन वापस ले लिया।
election in indore भाजपा के लिए चुनाव मैदान यहां लगभग साफ हो गया है। कांग्रेस के लिए यह आघात इसलिए भी अधिक पीड़ादायी है, क्योंकि इंदौर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का गृहनगर है। भाजपा ने उनके गृह क्षेत्र में ही कांग्रेस को मैदान से बाहर कर दिया है। गुजरात के सूरत में कांग्रेस को इसी तरह का झटका लग चुका है।
वहां नामांकन रद होने से कांग्रेस चुनाव से पहले ही मैदान से बाहर हो चुकी है। इंदौर भाजपा का गढ़ माना जाता है। कांग्रेस उम्मीदवार की नाम वापसी के बाद इस सीट पर मतदान की अब औपचारिकता ही शेष है। नाम वापस लेने के बाद निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से अक्षय बम कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला के साथ बाहर निकले।
सीधे भाजपा कार्यालय पहुंचे और भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। कांग्रेस को झटका लगने का सिलसिला यहीं नहीं थमा। इंदौर लोकसभा क्षेत्र से डमी प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारे गए कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार मोती सिंह पटेल का नामांकन फार्म पहले ही निरस्त हो चुका है।
अक्षय ने असहयोग का आरोप लगाया
अक्षय कांति बम ने कांग्रेस से किनारा करने के पीछे किसी तरह के दबाव या प्रभाव से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव में असहयोग कर रहे थे। पार्टी और नेताओं से सहयोग नहीं मिलने के कारण ही उन्होंने नाम वापस ले लिया।
चौथे चरण में 13 मई को इंदौर में मतदान होगा। इसके लिए 26 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे। नाम वापसी के अंतिम दिन सोमवार को नौ उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस लिया, तीन के नामांकन निरस्त हो चुके हैं। अब चुनाव मैदान में 14 प्रत्याशी हैं, जिनमें राष्ट्रीय दलों में सिर्फ भाजपा और बसपा के प्रत्याशी हैं।
आइएनडीआइए को यह दूसरा झटका
मध्य प्रदेश में विपक्षी दलों के गठबंधन आइएनडीआइए को यह दूसरा झटका है। गठबंधन में सपा को खजुराहो सीट मिली थी। यहां सपा प्रत्याशी का नामांकन रद हो चुका है। कांग्रेस व सपा ने खजुराहो सीट पर फारवर्ड ब्लाक के उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया है।
प्रचार के दौरान लगाया था जय श्रीराम का नारा : अक्षय ने कांग्रेस का साथ छोड़ने की भनक कांग्रेस नेतृत्व व स्थानीय नेताओं को भी नहीं लगने दी। रविवार शाम तक वह जनसंपर्क करते रहे। इंदौर के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र चंदन नगर व आसपास क्षेत्र में प्रचार के दौरान उनके जय श्रीराम के नारे लगाने पर वार्ड के स्थानीय नेताओं ने पार्टी नेताओं से शिकायत की थी कि बम अल्पसंख्यक क्षेत्र में जय श्रीराम के नारे लगाकर पार्टी के लिए मुश्किल पैदा कर रहे हैं।
चार दिन पहले लिखी गई पटकथा
कांग्रेस को चुनावी मैदान से बाहर करने की पटकथा चार दिन पहले लिखी जा चुकी थी। अक्षय के खिलाफ 2007 में दर्ज एक प्रकरण में धारा 307 बढ़ाकर अधिरोपित किया गया। न्यायालय ने इस मामले में 10 मई को आरोपित अक्षय बम को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था।
इसके बाद भाजपा के स्थानीय नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया कि इस प्रकरण के चलते उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। उधर, नाम वापसी के बाद कुछ कांग्रेसी नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि अक्षय बम द्वारा संचालित कालेजों और जमीन से जुड़े कारोबार को लेकर भी सत्ताधारी दल के नेता शिकायत और कार्रवाई की बात कर दबाव बना रहे थे।
अक्षय कांति बम पर पुराने मामले में धारा 307 बढ़ाकर न सिर्फ दबाव बनाया गया, बल्कि उन्हें डराया-धमकाया गया और आज ले जाकर नामांकन वापस करा दिया गया। लोकतंत्र में विश्वास करने वाले इंदौरवासियों को भाजपा की इस तानाशाही के खिलाफ खड़ा होना होगा।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के अपने घर में ही कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन वापस ले रहा है। कांग्रेस की हालत बदतर हो चुकी है। प्रदेश में हम 29 में से 29 सीटें जीतेंगे।
कांग्रेस के उम्मीदवार पार्टी छोड़कर भाजपा में आ रहे हैं। उनके उम्मीदवारों का ही भरोसा अपनी पार्टी पर नहीं है। कांग्रेस देश को विनाश की ओर ले जाने वाली पार्टी है।
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कांग्रेस को इंदौर में सूरत जैसा झटका लगा है। सोमवार को चौथे चरण के चुनाव में नाम वापसी के अंतिम दिन चौंकाने वाले राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस उम्मीदवार विहीन हो गई।
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