BNP NEWS DESK। Indian Military Academy थलसेना प्रमुख मनोज पांडेय ने कहा कि युद्ध की प्रकृति और शैली तेजी से बदल रही है। वर्तमान में अलग तरह की, जटिल व बहु-स्तरीय सुरक्षा चुनौतियां हैं। युद्ध के तेजी से बदलते स्वरूप से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अपने कैडेट अपने कौशल को श्रेष्ठ स्तर पर ले जाएं।
Indian Military Academy भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में दीक्षा परेड की सलामी लेने के बाद कैडेट को संबोधित करते थलसेनाध्यक्ष ने यह बात कही। आइएमए से शनिवार को 373 कैडेट पासआउट हुए। इनमें 331 भारतीय व 42 विदेशी कैडेट शामिल हैं। महाराष्ट्र के मिहिर बनर्जी को स्वार्ड आफ आनर एवं रजत पदक और जयपुर राजस्थान अभिमन्यु सिंह को स्वर्ण पदक दिया गया। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेटों को सेना प्रमुख ने सम्मानित किया।
जनरल पांडे ने कहा कि प्रौद्योगिकी के तेज विकास के चलते उत्पन्न परिस्थितियों में तकनीकी कौशल, मानसिक चपलता, महत्वपूर्ण मुद्दों पर सोचना और त्वरित प्रतिक्रिया सफलता की कुंजी होगी। युवा अधिकारी अपनी योग्यता को लगातार तराशते रहें। उन्होंने कहा कि एक सैन्य अफसर बनने की आपकी यात्रा सेना में कमीशन होने के साथ समाप्त नहीं होती, बल्कि यह आत्म-सुधार के प्रति प्रतिबद्धता की शुरुआत है।
उन्होंने कहा कि सैनिकों का पेशा सभी व्यवसायों में सबसे अच्छा है, जो आपको निस्वार्थ भाव से वर्दी धारण करने और अपनी मातृभूमि की सेवा करने का एक अनूठा अवसर देता है। कैडेटों के माता-पिता का आभार व्यक्त करते उन्होंने कहा कि राष्ट्र आपके बहुमूल्य योगदान के लिए ऋणी रहेगा। विदेशी कैडेटों को भी प्रशिक्षण पूरा करने की उन्होंने बधाई दी।
इससे पहले थलसेना प्रमुख ने परेड की सलामी ली। सुबह 6 बजकर 42 मिनट पर मार्कर्स काल के साथ परेड शुरू हुई। कैडेट्स ने शानदार कदमताल से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिये उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी।
इन्हें मिला सम्मान :
स्वार्ड आफ आनर एवं रजत पदक- मिहिर बनर्जी महाराष्ट्र
स्वर्ण पदक – अभिमन्यु सिंह जयपुर राजस्थान
रजत पदक (तकनीकी ग्रेजुएट) – सूर्यभान सिंह जोधपुर राजस्थान
कांस्य पदक – कमलप्रीत सिंह भटिंडा पंजाब
चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर-कैसिनो कंपनी
सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट-किंगा लहेंडूप भूटान
The Review
Indian Military Academy
Indian Military Academy थलसेना प्रमुख मनोज पांडेय ने कहा कि युद्ध की प्रकृति और शैली तेजी से बदल रही है। वर्तमान में अलग तरह की, जटिल व बहु-स्तरीय सुरक्षा चुनौतियां हैं।
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