BNP NEWS DESK। Calcutta High Court कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में जमीन हड़पने, दुष्कर्म, महिलाओं से दुव्र्यवहार, कृषि भूमि को झींगा पालन केंद्र में तब्दील करने के मामलों की सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट जांच प्रक्रिया की निगरानी करेगा। कोर्ट ने कहा कि सीबीआइ को नई ईमेल आइडी खोलकर संदेशखाली की घटनाओं से जुड़ी शिकायतें एकत्र करनी होंग
Calcutta High Court इधर हाई कोर्ट के फैसले पर भाजपा ने कहा है कि यह संदेशखाली की पीडि़ताओं की बड़ी जीत है।
संदेशखाली को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में कुल पांच जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ एक साथ मामलों की सुनवाई कर रही है।
इस दिन मामलों की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने निर्देश दिया कि उत्तर 24 परगना के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, स्थानीय प्रशासन मिलकर संवेदनशील इलाकों की पहचान करें। सडक़ों पर एलईडी लाइटें लगाई जाएं।
सीसीटीवी और एलईडी लाइट का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। अदालत ने निर्देश दिया कि राज्य अगले 15 दिनों के भीतर इस संबंध में आवश्यक मंजूरी और खर्च का भुगतान करे। कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी को बुधवार से ही जांच शुरू करने को कहा है।
सभी पक्ष 15 दिनों के भीतर सभी शिकायतें सीबीआइ को सौंपें
खंडपीठ ने निर्देश दिया कि मामले के सभी पक्ष अगले 15 दिनों के भीतर सभी शिकायतें सीबीआइ को सौंपें। शिकायतें सीबीआइ द्वारा प्रदान की गई ईमेल आईडी के माध्यम से की जानी चाहिए। यह शिकायतकर्ताओं की गोपनीयता की रक्षा के लिए है। उत्तर 24 परगना के जिला अधिकारी को संदेशखाली क्षेत्र में उस ईमेल आईडी का प्रचार करना चाहिए।
हाई कोर्ट ने कहा कि स्थानीय भाषा में सबसे ज्यादा प्रसारित होने वाले दैनिक अखबार में लोगों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सीबीआइ स्थानीय लोगों की जमीन हड़पने समेत अन्य शिकायतों की जांच कर अगली सुनवाई के दिन अपनी रिपोर्ट सौंपे। सीबीआइ की रिपोर्ट देखने के बाद आगे के निर्देश दिए जाएंगे।
यदि आवश्यक हो तो सीबीआइ किसी भी व्यक्ति, संगठन, सरकारी प्राधिकरण, पुलिस प्राधिकरण, गैर सरकारी संगठनों सहित मामले में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति से जानकारी और राय ले सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई दो मई को होगी।
लोग अपनी शिकायतें सीधे सीबीआइ को बता सकते हैं
इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि सीबीआइ पुलिस को कानून के मुताबिक पीडि़तों और गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दे सकती है। राज्य को सीबीआइ को हरसंभव मदद देनी चाहिए। वहां के लोग अपनी शिकायतें सीधे सीबीआइ को बता सकते हैं। सीबीआइ को पोर्टल बनाना चाहिए। सीबीआइ किसी भी रैंक के अधिकारी को जांच के लिए बुला सकती है।
प्रमुख आरोपितों की हुई है गिरफ्तारी
गौरतलब है कि संदेशखाली में लोगों ने स्थानीय टीएमसी नेताओं के खिलाफ जमीन हड़पने, दुष्कर्म, महिलाओं से दुव्र्यवहार, कृषि भूमि को झींगा पालन केंद्र में तब्दील करने आदि की शिकायतें दर्ज कराई थीं।
पुलिस ने इस मामले में टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख, शिबप्रसाद हाजरा, उत्तम सर्दार समेत कई नेताओं को गिरफ्तार किया है। इस बीच हाई कोर्ट के आदेश के बाद ईडी ने शाहजहां की 12 करोड़ 78 लाख की संपत्ति जब्त कर ली है।
भाजपा ने हाई कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
इधर भाजपा ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा है कि यह संदेशखाली की पीडि़ताओं की बड़ी जीत है। दूसरी ओर तृणमूल नेता कुणाल घोष ने सीबीआइ जांच के आदेश को चुनाव से पहले प्रेरित बताया। इसके साथ ही उन्होंने सीधे तौर पर जजों के एक वर्ग पर निशाना साधा।
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कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में जमीन हड़पने, दुष्कर्म, महिलाओं से दुव्र्यवहार, कृषि भूमि को झींगा पालन केंद्र में तब्दील करने के मामलों की सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं।
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