बीएनपी न्यूज पोस्ट । सात देशों के समूह बिम्स्टेक ने आपसी सहयोग के विस्तार के लिए बुधवार को एक चार्टर को अंगीकार किया तथा परिवहन सम्पर्क को बढ़ावा देने के लिये एक मास्टर प्लान को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं समूह के अन्य नेताओं ने डिजिटल माध्यम से आयोजित पांचवीं ‘बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल’ (बिम्स्टेक) शिखर बैठक में हिस्सा लिया। शिखर सम्मेलन के कुछ ही देर बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि बिम्स्टेक चार्टर पर हस्ताक्षर और इसे अंगीकार किया जाना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे इस क्षेत्रीय संगठन को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी और इसके कामकाज के लिए मूलभूत संस्थागत संरचना तैयार होगी।
भारत के अलावा बिम्स्टेक में श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमा, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रूदेंद्र टंडन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समूह के सचिवालय के लिये परिचालन बजट के रूप में तदर्थ अनुदान के तौर पर 10 लाख डॉलर की घोषणा की। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की मेजबानी में आयोजित इस शिखर बैठक में सदस्य देशों के बीच सहयोग के विस्तार के लिये तीन दस्तावेजों को अंतिम रूप दिया गया। टंडन ने संवाददाताओं को बताया कि बिम्स्टेक सदस्य देशों के नेताओं ने समूह के सहयोग की गतिविधियों के पूर्ण पुनर्गठन को मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि परिवहन संचार से संबंधित मास्टर प्लान को अपनाना बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि अब बिम्स्टेक सहयोग गतिविधियों के सात स्तंभ होंगे तथा भारत समूह के सुरक्षा स्तंभ का नेतृत्व करेगा।टंडन ने कहा कि बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की गई तथा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन में सहयोग की गति को तेज करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन में संपर्क, समुद्री सहयोग, सुरक्षा व आर्थिक एकीकरण के क्षेत्रों में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
दुनिया की 21.7 प्रतिशत जनसंख्या और 3.8 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी वाले देशों का समूह बिम्स्टेक आर्थिक प्रगति के एक प्रभावी मंच के रूप में उभरा है।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। उन्होंने ‘बिम्स्टेक’ के सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि यह आवश्यक हो गया है कि “हमारी क्षेत्रीय सुरक्षा” को और अधिक प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा, “आज समय है कि बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का सेतु बनाया जाए।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिखर सम्मेलन में बिम्स्टेक चार्टर को अपनाया जाना संस्थागत संरचना को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। इसके साथ ही मोदी ने ‘बिम्स्टेक’ के सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि यह आवश्यक हो गया है कि “हमारी क्षेत्रीय सुरक्षा” को और अधिक प्राथमिकता दी जाए।
‘बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल’ (बिम्स्टेक) के डिजिटल माध्यम से आयोजित पांचवें शिखर सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में मोदी ने कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य और सुरक्षा की चुनौतियों के बीच एकता और सहयोग आज के समय की मांग हैं। उन्होंने कहा, “आज समय है कि बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का सेतु बनाया जाए।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत, बिम्स्टेक सचिवालय के परिचालन बजट को बढ़ाने के लिए सहयोग के रूप में 10 लाख अमेरिकी डॉलर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिदृश्य से अछूता नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारी अर्थव्यवस्थाएं, हमारे लोग अब भी कोविड-19 महामारी के प्रभाव से जूझ रहे हैं।”
यूक्रेन-रूस युद्ध का संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में यूरोप में हुए घटनाक्रम से “अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।” उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में, यह जरूरी हो गया है कि बिम्स्टेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाया जाए।”
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