BNP NEWS DESK। BHU काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में प्रोफेसर नागेंद्र पांडे की अध्यक्षता में स्वामीनारायण के मूल संप्रदाय तथा मूल सिद्धांत को लेकर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी रविवार को हुई। सभा में काशी के विद्वानों ने वृत्तालय के स्वामी माधवप्रिय दास द्वारा रचित वचनामृत ग्रंथ स्वामीनारायण संप्रदाय का पूर्णतःअनुगामी ग्रंथ बताया।
BHU साथ ही विद्वानों नेअक्षर पुरुषोत्तम दर्शन को लेकर कहा कि अक्षर तथा पुरषोतम दोनों को सर्वकारणकारण उपास्य तथा प्राप्य मानना उचित नहीं है।अपितु केवल परब्रह्मही सर्वकारण ने नारायणदेव पीठ,अहमदाबाद तथा लक्ष्मी नारायण पीठ वृत्तालय को मूल पीठ बताया है। सभा में संत स्वामी माधवप्रिय दास को वेदांत मार्तंड की उपाधि प्रदान की गई।
इसके साथ ही महंत बल्लभ दास को अभिनंदन पत्र से सम्मानित किया गया सभा में विद्वानों का स्वागत एवं विषय परिवर्तन संस्कृत विद्याधर्म विज्ञान के प्रोफेसर कमलेश झा ने किया।सभा में प्रो राम किशोर त्रिपाठी प्रोफेसर धनंजय पाण्डे, प्रो० हरिप्रसाद अधिकारी इत्यादि ने माधवप्रिय दास द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत को स्वामीनारायण संप्रदाय का मूल सिद्धांत बताया।
सभा में काशी के समस्त विद्वानों का महंत बल्लभ दास द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम में प्रोफेसर जयशंकर लाल त्रिपाठी, प्रोफेसर उमाशंकर शुक्ल, प्रोफेसर सुधाकर मिश्र, प्रोफेसर उपेंद्र कुमार, प्रोफेसर राम पूजन पांडे, प्रोफेसर सरोज कुमार, प्रोफेसर विनोद राव पाठक आदि उपस्थित थे ।
अंत में स्वामी माधव प्रियदास के आशीर्वचन से सभा का समापन हुआ ।
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में प्रोफेसर नागेंद्र पांडे की अध्यक्षता में स्वामीनारायण के मूल संप्रदाय तथा मूल सिद्धांत को लेकर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी रविवार को हुई।
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