BNP NEWS DESK। Chunar Fort चुनार किले की ऐतिहासिकता, पौराणिकता और यहां के तिलिस्म को जानने समझने और इसका दीदार करने के लिए बुधवार को 21 सदस्यीय विदेशी पर्यटकों का दल चुनार पहुंचा। चुनार दुर्ग के सोनवा मंडप को निहारने और उसके पत्थरों पर उकेरी गई आकृतियों को देख कर सभी के मुख से निकला इंक्रेडीबल (अविश्वसनीय)।
चुनार पहुंचे 11 ब्रिटिश, चार फ्रांस, चार आस्ट्रेलिया और दो प्रवासी भारतीय पर्यटकों ने चुनार किले की सैर की और साथ में चल रहे गाइड से सवाल पूछ कर अपनी जिज्ञासाओं को भी शांत किया। चुनार दुर्ग के वैभवशाली इतिहास और यहां राज करने वाले देशी-विदेशी शासकों के बारे में भी जानकारी हासिल की। Chunar Fort
योगीराज भर्तृहरि की समाधि का दर्शन कर और उनकी कथा सुनकर विदेशी मेहमानों के चेहरे पर आश्चर्य मिश्रित भाव साफ झलक रहे थे। इनकी आपस की बातचीत ये बताने के लिए काफी थी कि उन्हें चुनार दुर्ग कितना पसंद आया और यहां आकर उन्हें कितना सुकून मिला।
Chunar Fort पर्यटन दल के सदस्यों ने सबसे पहले चुनार दुर्ग पहुंचकर चुनार किला व सोनवा मंडप की प्रस्तर कला के दीदार किए। जहां गाइड अखिलेश कुमार ने उसके बारे में जानकारी ली। विदेशी मेहमानों ने उत्साह के साथ सोनवा मंडप की प्रस्तर कला को यादगार के रूप में अपने कैमरे में कैद किया।
इसके साथ ही इन विदेशी मेहमानों के चेहरों की भावभंगिमा और आपस की बातचीत ये बता रही थी कि उन्हें चुनार दुर्ग कितना पसंद आया। योगिराज भतृहरि की समाधि के दर्शन कराते समय दुभाषिए व गाइड शुभांकर सेन गुप्तो द्वारा दी गई जानकारी जानने और समझने के बाद एक सुखद अनुभूति का भाव देख कर यह लग रहा था कि विदेशी मेहमान इस समाधि को देखने के बाद खुद को धन्य समझ रहे हैं।
पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण ऐतिहासिक चुनार किला
पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण ऐतिहासिक चुनार किले को देखने के बाद चुनार डाक बंगला से दूर तलक दिखाई दे रही गंगा को भी निहारा। पर्यटकों के दल ने चुनार के पॉटरी कला को देखा। चुनार किला स्थित बावली और उसकी बनावट व आकार के बारे में चर्चा करते रहे। पर्यटक दल डाक बंगले अवलोकन के बाद किले के दक्षिणी ओर स्थित अंग्रेजों के कब्रिस्तान को भी देखा।
यहां पर अपने पुरखों की कब्रों को देखने के बाद उसके बारे में अपने गाइड से विस्तार से जाना और समझा। इसके बाद दल के सदस्यों ने दरगाह शरीफ मुहल्ले में होने वाली दरी और कार्पेट की बुनाई को देखा। इस दौरान आसाम बंगाल नेविगेशन कंपनी के जीएम कुनाल सिंह ने बताया कि राजमहल क्रूज से सभी पर्यटक मंगलवार को वाराणसी पहुंचे थे।
आज सड़क मार्ग से इन्हें चुनार लाया गया। अपनी मां डिजी लीड के साथ आए ब्रिटेन में बीबीसी के फोटो जर्नलिस्ट बेन लीड ने चुनार के दर्शनीय स्थल को अपने कैमरे में कैद किया। इन्होंने बताया कि जलमार्ग का सफर काफी बेहतरीन रहा। उन्होंने चुनार दुर्ग के और बेहर रखरखाव किए जाने की बात कही
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Chunar Fort
चुनार किले की ऐतिहासिकता, पौराणिकता और यहां के तिलिस्म को जानने समझने और इसका दीदार करने के लिए बुधवार को 21 सदस्यीय विदेशी पर्यटकों का दल चुनार पहुंचा।
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