बीएनपी न्यूज डेस्क। भारत निर्वाचन आयोग ने मतगणना स्थल के नजदीकी गोदाम से मूवमेंट प्लान जारी किए बिना इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन निकाले जाने के मामले में प्रभारी अधिकारी ईवीएम व एडीएम सिविल सप्लाई नलिनी सिंह को सस्पेंड कर दिया है। हालांकि अभी आदेश की कापी जिला प्रशासन को नहीं मिली है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि निर्वाचन आयोग की ओर से की गई कार्रवाई की जानकारी हुई है। इस मामले में सुबह ही प्रभारी अधिकारी को निर्वाचन संबंधित कार्यों से मुक्त कर दिया गया है। मतगणना से 40 घंटे पूर्व मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे मतगणना स्थल के गोदाम से प्रशिक्षण के लिए एक गाड़ी से ईवीएम यूपी कालेज जा रही थी। इसी बीच पहडिय़ा मंडी परिसर में पहले से स्ट्रांग में रखे ईवीएम की निगरानी कर रहे सपा कार्यकर्ताओं ने दौड़ा कर वाहन को कब्जे में ले लिया। धांधली का आरोप लगाते हुए जम कर हंगामा किया। वाहन चालक व एक कर्मी को देर तक बंधक बनाए रखा तो एडीजी की गाड़ी पर पथराव किया। लगभग सात-आठ घंटे चले बवाल को संभालने में प्रशासन को पसीने छूट गए। पुलिस कमिश्नर, कमिश्नर, जिला निर्वाचन अधिकारी व प्रेक्षक तक को यहां आकर मामला संभालना पड़ा। देर रात प्रत्याशियों के सामने ईवीएम की जांच का आश्वासन देना पड़ा। यह भरोसा दिया गया कि ईवीएम पर वोटिंग की बात सामने आने पर दोबारा चुनाव होगा। प्रेक्षक व आरओ की निगरानी में हुई जांच में स्पष्ट हुआ कि ईवीएम पर वोटिंग नहीं हुई है, बल्कि ये डेमो है जो प्रशिक्षण के लिए जा रही थी। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने राजनीति दलों के सामने इस बात को स्वीकार भी किया कि ईवीएम प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने की जानकारी राजनीतिक दलों से साझा करनी चाहिए थी।
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