BNP NEWS DESK। survey report ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई ) को दस दिन का और समय मिल गया है। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने गुरुवार को इस बाबत आदेश देते हुए सर्वे रिपोर्ट पर सुनवाई के लिए 11 दिसंबर की तिथि तय की है।
हालांकि, एएसआइ ने तीन सप्ताह का समय देने की मांग करते हुए जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।
28 नवंबर को एएसआई की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया गया था कि अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की रिपोर्ट लगभग तैयारी हो चुकी है। रिपोर्ट विस्तार से तैयार की जा रही है। इसमें सर्वे से जुड़े हर पहलू का जिक्र किया जा रहा है।
केवल सर्वे के दौरान इस्तेमाल किए गए अत्याधुनिक मशीन ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। बताया कि काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर-एनजीआरआइ) की टीम ज्ञानवापी परिसर में जीपीआर के उपयोग से मिले डाटा का अध्ययन कर रही है।
सर्वे के दौरान विशेषज्ञों के दल ने ज्ञानवापी परिसर में जीपीआर के जरिए सैकड़ों वस्तुओं की आभासी छवि प्राप्त की है। इनका सही से अध्ययन करके विशेषज्ञों के विचार-विमर्श के बाद वास्तविक छवि तैयारी करने में बहुत सतर्कता बरती जा रही है। इससे चलते रिपोर्ट तैयार करने में समय लग रहा है।
एएसआइ के समय मांगने पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) ने आपत्ति की थी। उनके वकील का कहना था कि पहले ही एएसआइ को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय दिया जा चुका है। ऐसे में बार-बार समय दिए जाने का सिलसिला खत्म होना चाहिए।
सभी पक्षों को सुनने के बाद जिला जज ने अपने आदेश में कहा कि एएसआइ के काम करने का तरीका और मुकदमे की परिस्थितियों को देखते हुए एएसआइ को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दस दिन का समय दिया जाता है।
वजूखाना जहां शिवलिंग मिला उस सील एरिया को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक विधि से जांच (एएसआई सर्वे) का प्रार्थना पत्र मंदिर पक्ष की ओर से बीते 16 मई को जिला जज की अदालत में दाखिल किया गया था।
इसे स्वीकार करते हुए 21 जुलाई को जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर (सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील क्षेत्र को छोड़कर) का सर्वे करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट जाने पर उसे हाईकोर्ट जाने का आदेश देते हुए 26 जुलाई तक सर्वे पर रोक लगा दी थी।
25 जुलाई को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए तीन अगस्त तक सर्वे पर रोक लगा दी। तीन अगस्त को हाईकोर्ट ने एएसआइ को ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की अनुमति दे दी। चार अगस्त से ज्ञानवापी परिसर में सर्वे फिर से शुरू किया गया था।
अदालत ने कई बार दिया समय
-जिला जज ने अपने 21 जुलाई के आदेश में चार अगस्त तक सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था।
-एएसआइ की मांग पर जिला जज की अदालत ने चार सप्ताह का समय देते हुए दो सितंबर तक सर्वे पूरा करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
-दो सितंबर को प्रार्थना पत्र देकर एएसआइ ने आठ सप्ताह का समय और मांगा, अदालत ने चार सप्ताह का समय दिया।
-चार अक्टूबर को एएसआइ ने फिर चार सप्ताह का समय मांगा तो अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया।
-दो नवंबर को एएसआइ की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया। इसमें सर्वे रिपोर्ट तैयार करने और उसे दाखिल करने के लिए 15 दिनों का समय मांगा था। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए 17 नवंबर को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था।
– 17 नवंबर को एएसआइ ने 15 दिन का और समय दिए जाने की मांग करते हुए अदालत में प्रार्थना दिया था। अदालत ने दस दिन का समय देते हुए 28 नवंबर को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था।
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