BNP NEWS DESK । Papua New Guinea कूटनीति में यूं तो हाव भाव और अंदाज का आकलन ही बहुत कुछ कहता है लेकिन अगर स्पष्ट शब्दों में कुछ कहा गया तो बात ही अलग है। देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता को लेकर अलग अलग राय रखी जाती है, लेकिन जिस तरह विश्व के दो शक्तिशाली देश अमेरिका और अस्ट्रैलिया के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने मुक्त कंठों से उनकी लोकप्रियता को सराहा वह देश के लिए भी गर्व का विषय है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन ने तो कहा- प्रधानमंत्री जी मुझे आपका आटोग्राफ लेना चाहिए। वहीं जापान की यात्रा के बाद जब प्रधानमंत्री पापुआ न्यू गिनी पहुंचे तो अदभुत ²श्य था। अगवानी को आए न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने मोदी के पैर छुए।
बताते हैं कि जापान में क्वाड बैठक के वक्त बाइडेन ने पीएम मोदी से कहा कि उन्हें एक अजीबोगरीब चुनौती से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा- अगले महीने हमने वाशिंगटन में आपके सम्मान में जो स्वागत भोज रखा है उसमें शामिल होने के लिए पूरा देश उमड़ रहा है। आपको मजाक लग रहा हो तो मेरी टीम से पूछ लीजिए। जिसके बारे में मैं ने सुना नहीं, कभी मिला नहीं वह भी उस भोज में शामिल होना चाहते हैं। हमारे पास अब आमंत्रण पत्र नहीं बचा है लेकिन फिल्म अभिनेताओं से लेकर मेरे संबंधी तक हर कोई आने को इच्छुक हैं। आप बहुत लोकप्रिय है।’ वहीं मौजूद अस्ट्रैलिया के प्रधानमंत्री अलबनीज ने भी ऐसी ही परेशानी सुना दी। उन्होंने कहा कि आस्ट्रैलिया में सामुदायिक आयोजन के स्थल पर 20 हजार लोगों के लिए जगह है। लेकिन उनके लिए मुश्किल हो रही है। इस कार्यक्रम में अलबनीज भी रहेंगे। गौरतलब है कि सिडनी के एक क्षेत्र हैरिस पार्क में यह आयोजन होना है जिसे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के वक्त लिटिल इंडिया घोषित किया जाएगा।
वैसे तीन देशों की इस यात्रा को भारतीय सभ्यता के प्रसार से भी जोड़ा जा रहा है। हिरोशिमा में प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया था जो शांति और अहिंसा के प्रति भारत की सोच के प्रतीक हैं। पापुआ न्यू गिनी में उन्होंने तमिल काव्य तिरुकुरल के स्थानीय संस्करण टाक पिसिन का विमोचन करेंगे। जबकि अस्ट्रैलिया में लिटिल इंडिया की पहचान सिद्ध होगी। यह अस्ट्रैलिया में भारत और भारतीयों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाएगा।
गौरतलब है कि 2014 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही पीएम मोदी ने जो प्रयास शुरू किया था उसके बाद से अंतरराष्ट्रीय मंच पर जहां भारत मजबूत हुआ वहीं व्यक्तिगत स्तर पर उनकी खुद की लोकप्रियता अभूतपूर्व स्तर तक पहुंची है। कुछ महीने पहले ही इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी ने एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी को विश्व का सबसे लोकप्रिय लीडर करार दिया था।
वस्तुत: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही यह प्रशंसा जहां वैश्विक प्रयास के लिए अहम है वहीं घरेलू स्तर पर इसका राजनीतिक असर भी दिखता है। पिछले लोकसभा चुनाव में हर आयु वर्ग के लोगों के लिए यह गर्व का विषय था और कईयों ने इसे ही अपने फैसले का आधार बनाया था।
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Papua New Guinea
कूटनीति में यूं तो हाव भाव और अंदाज का आकलन ही बहुत कुछ कहता है लेकिन अगर स्पष्ट शब्दों में कुछ कहा गया तो बात ही अलग है।
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