BNP NEWS DESK। Hijab Case Judgement सुप्रीम कोर्ट ने आज कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम छात्राओं पर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक विभाजित फैसला सुनाया है।
बेंच में शामिल दोनों जजों की राय अलग अलग है। जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन को सही ठहराया है। वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद कर दिया। ऐसे में अब इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा गया है।
Justice Sudhanshu Dhulia जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि मुझे लगता है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले पर गलत रास्ता चुना है। वहीं Justice Hemant Gupta जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हमारे विचार अलग है, जिसके कारण लंबे समय से इस विवाद के फैसले का इंतजार करने वाले निराशा हाथ लगी है। इसके बाद अब इस मामले को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया गया है, जो बड़ी बेंच का गठन करेंगे। इसके कारण इसके फैसले के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
Hijab Case Judgement इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आया है। सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद पर सुनवाई को टालने की भी याचिका दायर की गई थी, जिसमें कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाया था।
21 वकीलों के बीच 10 दिन चली बहस
इस मामले में 21 वकीलों के बीच दस दिनों तक बहस चली थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ड्रेस कोड वाले कर्नाटक सरकार के संदर्भ में पीएफआइ से उसके ताल्लुक का कोई जिक्र नहीं था।
supreme court सर्वोच्च अदालत में दायर विभिन्न याचिकाओं में से एक में बताया गया है कि सरकार और प्रशासन छात्राओं को अपने धर्मों का पालन करने देने में भेदभाव बरतते हैं। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ने की परिस्थितियां पैदा होती हैं। एक अन्य याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में छात्र-छात्राओं को समानता के आधार पर क समान निर्धारित वेशभूषा पहननी चाहिए।
कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ है हिजाब विवाद
इसी साल जनवरी में कर्नाटक के उडुपी से हिजाब विवाद की शुरुआत हुई, जहां एक सरकारी कॉलेज में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था। वहीं स्कूल के मैनेजमेंट ने भी इसे यूनिफॉर्म कोड के खिलाफ बताया था, जिसके बाद पहले यह विवाद कर्नाटक में फैला और धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया।
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट दे चुका है फैसला
Karnataka High Court कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब विवाद पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली 3 न्यायाधीशों की पीठ ने कहा है कि कुरान में मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं बताया गया है। हिजाब पहनना इस्लामिक परंपरा का हिस्सा नहीं है। स्कूल में ड्रेस का पालन करना जरूरी है, इसलिए छात्र इसका विरोध नहीं कर सकते हैं। इसे संविधान के आर्टिकल 25 के तहत संरक्षण देने की जरूरत नहीं है, जिसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब पहनने की मांग करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
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Hijab Case Judgement
हिजाब विवाद मामले में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने फैसले को बड़ी बेंच भेजने के लिए कहा है।
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