BNP News Desk। ED on Action प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में चीयनीज लोन ऐप मामले में हुई छापेमारी के बाद विभिन्न बैंक खातों और ईजीबज, रेजरपे, कैशफ्री और पेटीएम के वर्चुअल खातों में रखे 46.67 करोड़ रुपये का पता लगाकर उन्हें जब्त कर लिया है। ईडी ने हाल ही में इन चीनी लोन ऐप के खिलाफ छापेमारी की थी, जिसके बाद इन ऐप से जुड़े पैसों को फ्रीज किया गया है।
ईडी की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि ईजबज प्राइवेट लिमिटेड, पुणे के पास कुल 33.36 करोड़ रुपये, रेज़रपे सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर के 8.21 करोड़ रुपये, कैशफ्री पेमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर के 1.28 करोड़ रुपये और जबकि पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड नई दिल्ली के साथ 1.11 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं।
ED ने जांच के बारे में क्या जानकारी दी
ईडी ने एक बयान में कहा, “चीन के व्यक्तियों के नियंत्रण या परिचालन वाले रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विस लिमिटेड और अन्य कंपनियों में तलाशी की कार्रवाई की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि छापेमारी में चीन के व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित इन कंपनियों के “मर्चेंट आईडी और बैंक खातों” में जमा 17 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां भारतीय नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उन्हें फर्जी तरीके से डायरेक्टर बनाती हैं जबकि इन कंपनियों का नियंत्रण और परिचालन चीन के लोग करते हैं। इसके अलावा जांच के दायरे में आई ये कंपनियां भुगतान सेवा कंपनियों और बैंकों से जुड़ी मर्चेंट आईटी या खातों का इस्तेमाल करके अपराध का धन जुटा रही थीं और इन कंपनियों ने जो पते दिए थे।
ED on Action इस संदर्भ में पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, “हम कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं. कुछ मर्चेंट उनकी जांच के दायरे में हैं, जिनके बारे में एजेंसियों ने हमसे जानकारी मांगी थी.” रेजरपे और कैशफ्री ने भी कहा कि वे जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग कर रही हैं।
ये ऐप्स ग्राहक के डेटा की चोरी करके उनके नकली न्यूड फोटो, वीडियो आदि से उन्हें धमकी देते हैं, ब्लैकमेल करते
गौर करने वाली बात है कि हाल ही में वित्त मंत्रालय ने गैरकानूनी लोन ऐप्स के खिलाफ एक शीर्ष स्तर बैठक की थी। इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे ये ऐप आरबीआई के नियमों को ताक पर रखकर बड़े पैमाने में पर लोगों को कर्ज दे रहे हैं और बाद में उन्हें धमकाकर ऊंची ब्याज दर वसूल रहे हैं। इन ऐप्स के सिरे चीन से जुड़े होने के बाद ईडी ने इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। ये ऑनलाइन ऐप बिना ग्राहकों की केवाईसी लिए ही उन्हें लोन देते हैं, ये ग्राहक का मोबाइल डाटा हैक करते हैं और इसके बाद उन्हें धमकी दी जाती है। डराया जाता है। ये ऐप्स ग्राहक के डेटा की चोरी करके उनके नकली न्यूड फोटो, वीडियो आदि से उन्हें धमकी देते हैं, ब्लैकमेल करते हैं। इस तरह के ऐप से आजिज आकर 58 लोग आत्महत्या तक कर चुके हैं। मध्य प्रदेश में इस तरह का मामला सामने आ चुका है, जहां इंदौर में पति-पत्नी और बच्चों ने आत्महत्या कर ली थी।
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ED on Action ईडी ने ईजीबज, रेजरपे, कैशफ्री और पेटीएम के वर्चुअल खातों में रखे 46.67 करोड़ रुपये का पता लगाकर उन्हें जब्त कर लिया है।
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