बीएनपी न्यूज डेस्क। Indian womens Hockey कॉमनवेल्थ खेलों के आठवें दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया की हॉकी टीमों के बीच खेले गए सेमीफाइनल मैच में पेनल्टी शूटआउट के दौरान घड़ी को लेकर तकनीकि समस्या हुई थी, जिस वजह से ऑस्ट्रेलिया टीम को पेनल्टी लेने का एक अतिरिक्त मौका मिला। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पेनाल्टी शूटआउट में 3-0 की शिकस्त झेलनी पड़ी। यहां टीम इंडिया खराब प्रदर्शन के कारण नहीं हारी। बल्कि अंग्रेजों की घटिया व्यवस्था और पार्शीयालिटी के कारण हारी है।
दरअसल, भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल मुकाबला ड्रॉ रहने के बाद पेनाल्टी शूट आउट चल रहा था और दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं। सवित ने ऑस्ट्रेलियाई स्ट्राइकर रोजी मेलोन का प्रयास विफल कर दिया था। अब भारत के पास बढ़त लेने का चांस था।
टाइम क्लाक समय पर शुरू नहीं हो सकी और रेफरी ने ऑस्ट्रेलियंस को एक मौका और दे दिया। जबकि इसमें टीम इंडिया की कोई गलती नहीं थी। यहां आयोजकों और हॉकी फेडरेशन की जवाबदेही थी। इसके बाद भी फैसला ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में रहा। दूसरे मौके को भुनने में मालोन ने कोई गलती नहीं की।
पेनल्टी शूटआउट के दौरान अपना पहला प्रयास चूकने वाली ऑस्ट्रेलिया की रोजी मेलोन को एक और मौका दिया गया क्योंकि स्कोरबोर्ड पर आठ सेकंड की उल्टी गिनती शुरू नहीं हुई थी। मेलोन दूसरा मौका मिलने पर नहीं चुकी और उन्होंने अपनी टीम को बढ़त दिला दी। भारत ने सेमीफाइनल का मुकाबला आखिर में शूटआउट में 0-3 से गंवाया। दोनों टीमें नियमित समय तक 1-1 से बराबरी पर थी। दर्शकों ने भी तकनीकी अधिकारियों के फैसले पर रोष जताया था।
एफआईएच ने बयान में कहा, “बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में ऑस्ट्रेलिया और भारत की महिला टीमों के बीच खेले गए सेमीफाइनल मैच के दौरान शूटआउट गलती से बहुत जल्दी शुरू हो गया था (तब घड़ी संचालित होने के लिए तैयार नहीं थी) जिसके लिए हम माफी मांगते हैं।”
बयान में आगे कहा गया है, “इस तरह की परिस्थिति में दोबारा पेनल्टी शूटआउट लेने की प्रक्रिया है और ऐसा किया भी गया। एफआईएच इस घटना की पूरी जांच करेगा ताकि भविष्य में इस तरह के मसलों से बचा जा सके।”
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कॉमनवेल्थ खेलों के आठवें दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया की हॉकी टीमों के बीच खेले गए सेमीफाइनल मैच में पेनल्टी शूटआउट के दौरान घड़ी को लेकर तकनीकि समस्या हुई थी
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