बीएनपी न्यूज डेस्क। Pingali Venkayya: किसी भी देश की पहचान उसके राष्ट्रीय प्रतीक यानी राष्ट्र ध्वज, राष्ट्र गान आदि के आधार पर होती है। आज भी जब हम भारत और उसकी आजादी के विषय में सोचते हैं तो हमारे मन में तिरंगा का ही ख्याल आता है। हमारा राष्ट्रध्वज अन्य देशों की भांति बेहद अलग और अनोखा है।
15 अगस्त, 2022 को देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। इसे देखते हुए भारत सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत भी की है। 2 अगस्त को उस महान इंसान की जयंती थी, जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को डिजाइन किया था। हम बात कर रहे हैं महान स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया की। वर्ष 1876 में आंध्र प्रदेश में मछलीपट्टनम में जन्मे पिंगली वेंकैया ने कई स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर देश की आजादी में अहम योगदान दिया था।
यूनियन जैक द्वारा राष्ट्रीयता की भावना को देखकर वे भी प्रेरित हुए
बेहद कम लोग जानते हैं कि युवावस्था में वेंकैया ने साउथ अफ्रीका जाकर दूसरे बोअर युद्ध में ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सैनिक के रूप में भूमिका अदा की। अगर बात राष्ट्रीयता की भावना की हो तो साउथ अफ्रीका ब्रिटिश सैनिकों के बीच यूनियन जैक द्वारा राष्ट्रीयता की भावना को देखकर वे भी प्रेरित हुए।
5 वर्ष तक किया था अध्ययन
Pingali Venkayya पिंगली वेंकैया ने साल 1916 से लेकर 1921 तक दुनियाभर के देशों के झंडों का अध्ययन किया था। इसके बाद साल 1921 में उन्होंने भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का निर्माण किया था। इसे बनाने का उद्देश्य देश के सभी लोगों को एक साथ जोड़ने का था। ताकि स्वतंत्रता के लिए पूरे देश को एकजुट किया जा सके।
कांग्रेस की बैठक में पिंगली वेंकैया द्वारा तैयार किए गए झंडे को स्वीकृति मिली थी
वर्ष 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में गांधी ने पिंगली वेंकैया द्वारा तैयार किए गए एक झंडे को स्वीकृति दी थी। इस झंडे में लाल और हरे रंग की पट्टी थी और इसके बीचों-बीच गांधी का चरखा स्थापित था। गांधी के सुझाव पर ध्वज में सफेद रंग भी शामिल करवाया गया। साल 1931 तक कांग्रेस की हर बैठक में इसी झंडे का प्रयोग होता रहा था। इसके बाद इस झंडे के वर्तमान रंग (केसरिया, सफेद और हरा) सामने आए थे। इसमें आगे चलकर अशोक चक्र को भी जोड़ा गया।
वेंकैया ने 4 जुलाई 1963 को गरीबी में अंतिम सांस ली। नायडू ने एक बार कहा था कि वेंकैया हमारे स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक थे जिन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया।
The Review
Pingali Venkayya
किसी भी देश की पहचान उसके राष्ट्रीय प्रतीक यानी राष्ट्र ध्वज, राष्ट्र गान आदि के आधार पर होती है। आज भी जब हम भारत और उसकी आजादी के विषय में सोचते हैं तो हमारे मन में तिरंगा का ही ख्याल आता है। हमारा राष्ट्रध्वज अन्य देशों की भांति बेहद अलग और अनोखा है।
Discussion about this post