बीएनपी न्यूज डेस्क। Internet Call Threatened Internet Call Threatened ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश देने वाले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को रजिस्टर्ड पत्र भेज कर धमकाने से पहले इंटरनेट काल करके भी धमकी दी गई थी। उन्हें गत 29 मई को काल की गई थी और ‘सलाम वाले कुम’ कहा गया था। इस संबंध में उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी व पुलिस कमिश्नर को पत्र भी भेजा था। डीसीपी वरुणा जोन व एसीपी कैंट को भी मौखिक जानकारी दी गई थी। इस मामले की गोपनीय तरीके से जांच चल रही थी कि सिविल जज को मंगलवार को धमकी भरा रजिस्टर्ड पत्र मिला और पुलिस – प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई। मामले की जांच के लिए कैंट थाने की पुलिस व क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया है। सिविल जज गत 29 मई को लखनऊ स्थित अपने घर से वाराणसी लौट रहे थे। इसी दौरान रास्ते में उनके निजी मोबाइल नंबर पर कई बार अज्ञात नंबर से काल आई। काल उठाने पर उधर से सलाम वाले कुम की आवाज आई और इसके बाद फोन कट गया। सिविल जज ने ने इस संबंध में 30 मई को पत्र लिखकर पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को जानकारी दी और उचित कार्रवाई के लिए कहा था। बता दें कि मंगलवार को इस्लामिक आगाज मूवमेंट दिल्ली के पते से धमकी भरा पत्र सिविल जज को भेजा गया था। इस पत्र के साथ कई संलग्न हैं, जो 18 दिसंबर 2020 की तिथि अंकित कर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, पीएम नरेन्द्र मोदी, आरएसएस के सर संचालक मोहन भागवत, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बसपा प्रमुख मायावती, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को संबोधित कर भेजा गया है। धमकी को देखते हुए उनकी और जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की सुरक्षा बढ़ा दी गई। सिविल जज के लखनऊ स्थित घर पर भी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
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