बीएनपी न्यूज डेस्क। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर वसंत पंचमी मनाई जाती है। विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना को समर्पित पर्व इस बार पांच फरवरी को पड़ रहा है। पंचमी पांच की भोर 3.48 बजे लग जा रही है जो छह की भोर 3.47 बजे तक रहेगी। पूजन के लिए सुबह 7.17 बजे से 12.35 बजे तक यानी पांच घंटे 28 मिनट बेहद शुभ मुहूर्त है। वसंत पंचमी माघ मास के स्नान पर्व में प्रमुख है। तिथि विशेष पर श्रद्धालु प्रयाग संगम, काशी गंगा समेत नदियों में पुण्य की डुबकी लगाते हैं। काशी में तिथि विशेष पर काशी विश्वनाथ का तिलकोत्सव मनाया जाता है। भोर से ही अनुष्ठान शुरू होते हैं और शाम को तिलक की रस्म निभाई जाती है। होलिका दहन के निमित्त विधि पूर्वक रेड़ भी गाड़ी जाती है।
वसंत पंचमी पर यह करें तो लाभकारी
1- बसंत पंचमी पर्व पर पीले रंग की चीजों का विशेष महत्व होता है। इस दिन पीले रंग का वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
2- सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पूजा स्थल पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें।
3- देवी सरस्वती को पीले और सफेद रंग का फूल बहुत ही प्रिय होते हैं इसलिए बसंत पंचमी के दिन इस तरह के फूल उन्हें जरूर चढ़ाना चाहिए।
4- शास्त्रों के अनुसार मां सरस्वती विद्या और ज्ञान की देवी हैं ऐसे में बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा के दौरान उन्हें पेन और पुस्तक जरूर अर्पित करना चाहिए। ज्योतिष में मान्यता है इससे बुध ग्रह मजबूत होता है और व्यक्ति की कुंडली में अगर बुध ग्रह से संबंधित किसी प्रकार का कोई दोष है वह जल्द ही दूर हो जाता है। 5- पूजा में मां सरस्वती को पीले रंग का चंदन और पीला भोग जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती जल्द प्रसन्न होती हैं और गुरु ग्रह भी मजबूत होता है।
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