बीएनपी न्यूज डेस्क। पुडुचेरी में एमएसएमई मंत्रालय के प्रौद्योगिकी केंद्र और पेरुणथलाइवर कामराजर मणिमंडपम का वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के युवाओं में ‘कैन डू’ की भावना है, जो हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रधानमंत्री पुडुचेरी में 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का वर्चुअल उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। आज स्वामी विवेकानंद की जयंती होने के कारण राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के समय की युवा पीढ़ी ने देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने में एक पल के लिए भी संकोच नहीं किया। लेकिन आज के युवाओं को देश के लिए जीना है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करना है। उन्होंने कहा, “युवाओं की क्षमता पुरानी रूढ़ियों का बोझ नहीं है, वह जानता है कि उन्हें कैसे चलना है। यह युवा नई चुनौतियों, नई मांगों के अनुसार खुद को और समाज को विकसित कर सकता है। आज के युवाओं में ‘कैन डू’ की भावना है, जो हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं में जनसांख्यिकीय लाभांश के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्य हैं, उनका लोकतांत्रिक लाभांश भी अतुलनीय है। भारत अपने युवाओं को जनसांख्यिकीय लाभांश के साथ-साथ एक विकास चालक के रूप में मानता है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज भारत के युवाओं में तकनीक का आकर्षण है तो लोकतंत्र की चेतना भी है। आज भारत के युवाओं में अगर मेहनत करने की क्षमता है तो भविष्य को लेकर भी स्पष्टता है। इसलिए भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे कल की आवाज मानती है।
प्रधानमंत्री ने सराहना की कि आज भारत के युवा वैश्विक समृद्धि की संहिता लिख रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि भारतीय युवा पूरी दुनिया में यूनिकॉर्न इकोसिस्टम के साथ तालमेल बिठाने के लिए एक ताकत है। भारत में आज 50,000 से अधिक स्टार्टअप का एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र है। जिनमें से 10 हजार से ज्यादा स्टार्टअप महामारी की चुनौती के बीच सामने आए।
पीएम मोदी ने ओलंपिक और पैरालिंपिक में प्रदर्शन और टीकाकरण अभियान में युवाओं की भागीदारी को जीतने की इच्छा और युवाओं में जिम्मेदारी की भावना के प्रमाण के रूप में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि बेटे और बेटियां बराबर हैं। उन्होंने कहा, इसी सोच के साथ सरकार ने बेटियों की बेहतरी के लिए शादी की उम्र 21 साल करने का फैसला किया है। बेटियां भी अपना करियर बना सकती हैं, उन्हें अधिक समय मिलता है, यह इस दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में हमारे पास कई ऐसे सेनानी हैं, जिनके योगदान को वह पहचान नहीं मिली जिसके वे हकदार थे। उन्होंने कहा कि हमारे युवा जितना अधिक लिखेंगे, ऐसे गणमान्य व्यक्तियों के बारे में शोध करेंगे, देश की आने वाली पीढ़ियों में उतनी ही अधिक जागरूकता बढ़ेगी।
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