BNP NEWS DESK। UNESCO recognition Ganga Aarti प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ वैश्विक पटल पर मान्यता दिलाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार अब पांच शहरों व बुंदेलखंड की लोककला के संरक्षण की दिशा में बड़ा प्रयास करने जा रही है। पर्यटन विभाग ने कन्नौज के इत्र, ब्रज की होली, वाराणसी की गंगा आरती, फिरोजाबाद की कांच कला, आजमगढ़ के निजामाबाद की ब्लैक पाटरी और बुंदेलखंड की लोककला व लोक साहित्य को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत एवं रचनात्मक शहरों की सूची में उल्लिखित कराने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए विशिष्ट टीम का गठन किया जाएगा।
UNESCO recognition Ganga Aarti केंद्र व प्रदेश सरकार के प्रयासों से वर्ष 2017 में कुंभ को यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर मान्यता दी गई थी। अब प्रदेश सरकार कन्नौज को सिटी आफ क्राफ्ट श्रेणी में इत्र के लिए पंजीकृत कराने का प्रयास कर रही है।
इसके लिए इत्र निर्माण की पारंपरिक देग-भापका विधि और उसके ऐतिहासिक महत्व पर गहन शोध की डाक्यूमेंटेशन रिपोर्ट तैयार कर यूनेस्को टीम को सौंपी जाएगी। कन्नौज को भारत की इत्र राजधानी के रूप में वैश्विक प्रतिष्ठा, इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव, अद्वितीय प्रक्रियाओं, सांस्कृतिक विरासत व प्रथाओं पर प्रकाश डालने वाले डोजियर का निर्माण किया जाएगा।
वाराणसी की गंगा आरती को भी यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर मान्यता दिलाने की कोशिश है। इसके ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और अनुष्ठान संबंधी महत्व पर गहन शोध होगा।
इसके अलावा ब्रज की प्रसिद्ध होली, आजमगढ़ के निजामाबाद की ब्लैक पाटरी तथा फिरोजाबाद के कांच उद्योग, बुंदेलखंड के आल्हा गायन, राई नृत्य समेत स्थानीय लोक कला-लोक साहित्य एवं संस्कृति को भी मान्यता दिलाने के लिए विस्तृत डोजियर का निर्माण किया जाएगा। ब्रज के डोजियर में लिए लट्ठमार होली को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।
Discussion about this post