BNP NEWS DESK। Insurance Regulator of India भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (ईरडा) का कहना है कि वर्ष 2047 से पहले ही भारत के हर नागरिक के पास बीमा हो सकता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई स्तरों पर कदम उठाए जा रहे हैं, जैसे यूपीआइ जैसी एक व्यवस्था विकसित करने पर भी काम चल रहा है जो किसी भी व्यक्ति के लिए बीमा पालिसी कराने को काफी आसान बना देगा।
Insurance Regulator of India अगर इरडा की यह योजना सफल होती है तो भारत में बीमा कारोबार भी अगले दो दशकों में कई गुना बढ़ेगा।
बता दें कि देश की 80 प्रतिशत आबादी के पास अभी भी कोई बीमा उत्पाद नहीं है।
सीआइआइ के सालाना समारोह को संबोधित करते हुए इरडा के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने बताया कि नियामक एजेंसी के तौर पर बीमा क्षेत्र में कई तरह से सुधार की तैयारी है और कुछ सुधारों को लेकर प्रस्ताव केंद्र सरकार को भी भेजे गए हैं।
बीमा अधिनियम में भी नए संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें एक प्रस्ताव बीमा के विभिन्न वर्गों और बीमा के हिसाब से देश की भौगोलिक परिभाषा में बदलाव से जुड़ा है।
साथ ही बीमा वितरक एजेंसियों को लाइसेंसिंग की स्वीकृति को भी आसान बनाया जा रहा है ताकि उन्हें लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ज्यादा भाग-दौड़ नहीं करनी पड़े।
बीमा कंपनियों को दूसरे कई तरह के संबंधित उत्पाद (वैल्यू एडेड सर्विसेज) देने की भी इजाजत देने की तैयारी है। पांडा ने एक और भावी योजना की जानकारी दी, जिसके तहत हर राज्य में आम नागरिकों को आसानी से बीमा पालिसी को उपलब्ध कराने के लिए एक राज्यस्तरीय योजना बनाई जाएगी। पांडा ने कहा कि भारत में दुनिया की 20 प्रतिशत आबादी रहती है और यहां बीमा कंपनियों के लिए अपार संभावनाएं हैं।
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Insurance Regulator of India
Insurance Regulator of India भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (ईरडा) का कहना है कि वर्ष 2047 से पहले ही भारत के हर नागरिक के पास बीमा हो सकता है।
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