BNP NEWS DESK। jume ke namaaj असम विधानसभा में 87 साल पहले शुरू हुआ जुमे की नमाज के लिए छुट्टी शुक्रवार को खत्म कर दिया गया। अब राज्य के मुस्लिम विधायकों को नमाज अदा के लिए दो घंटा की आधिकारिक छुट्टी नहीं मिलेगी। यह नया नियम विधानसभा के अगले सत्र से लागू होगा।
jume ke namaaj विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि 1937 से जारी इस दो घंटे के अवकाश की अंतिम बार व्यवस्था 31 अगस्त को शरदकालीन सत्र के आखिरी दिन की गई थी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इंटरनेट मीडिया पर मुस्लिम विधायकों के लिए ‘नमाज’ ब्रेक खत्म करने की जानकारी दी है।
मुस्लिम विधायकों को जुमे की नमाज के लिए दोपहर 12 से 2 बजे तक विशेष अवकाश मिल रहा था
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विधानसभा की नियम समिति (रूल कमेटी) ने सर्वसम्मति से इस प्रथा (नमाज ब्रेक) को समाप्त करने का फैसला लिया है। बयान में कहा गया कि 30 अगस्त को सदन ने इस नियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, ताकि शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही अन्य दिनों की तरह जारी रहे। गौरतलब है कि अभी मुस्लिम विधायकों को जुमे की नमाज के लिए दोपहर 12 से 2 बजे तक विशेष अवकाश मिल रहा था।
असम विधानसभा की उत्पादकता को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में अंग्रेजों के जमाने के बोझ को हटाने के लिए प्रति शुक्रवार सदन को नमाज के लिए दो घंटे तक स्थगित करने के नियम को रद किया गया। यह प्रथा 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने शुरू की थी।
मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि दो घंटे के जुमा ब्रेक को खत्म करके असम विधानसभा ने कामकाज को प्राथमिकता दी है और अंग्रेजों के जमाने की एक और व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत डाइमरी और अन्य सभी विधायकों का आभार जताया है। अधिकारियों ने कहा है कि अब शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही बिना किसी विशेष छुट्टी के चलती रहेगी। यह सदन के कामकाज को बढ़ाने की दिशा में एक अहम फैसला है।
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असम विधानसभा में 87 साल पहले शुरू हुआ जुमे की नमाज के लिए छुट्टी शुक्रवार को खत्म कर दिया गया।
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