BNP NEWS DESK। india in space चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत अब अंतरिक्ष के क्षेत्र में और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। जल्द ही वह अंतरिक्ष से जुड़े अपने चार और मिशनों को अंजाम देगा। इसमें अंतरिक्ष में स्थापित होने वाला पहला अंतरिक्ष स्टेशन भी शामिल है जो दिसंबर, 2028 तक स्थापित हो जाएगा। इसके साथ ही भारत अंतरिक्ष में अपना स्टेशन स्थापित करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा।
india in space मौजूदा समय में अंतरिक्ष में दो ही स्टेशन है। इनमें पहला स्टेशन अमेरिका, रूस व यूरोपीय देशों के सहयोग से स्थापित है, जिसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन कहा जाता है, जबकि दूसरा स्टेशन चीन का है।
अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े चार प्रमुख प्रस्तावों में मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े चार प्रमुख प्रस्तावों में मंजूरी दी गई। इनमें सबसे अहम पहले अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और गगनयान फालो-आन मिशन शामिल है।
इस पर कुल 20,193 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कैबिनेट ने इसके साथ चंद्रयान-4 मिशन को भी सहमति दे दी है। जो न सिर्फ चंद्रमा पर उतरेगा, बल्कि वहां से कुछ चीजें लेकर सुरक्षित वापस भी लौटेगा। मिशन को अगले 36 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चंद्रयान-3 के बाद यह उस दिशा में एक बड़ा अभियान होगा। इस पर कुल 2,104 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कैबिनेट ने अंतरिक्ष से जुड़े जिन अन्य मिशनों को मंजूरी दी है, उनमें वीनस (शुक्र) आर्बिटर मिशन है।
अंतरिक्ष यान वीनस की कक्षा में भेजा जाएगा
जिसमें अंतरिक्ष यान वीनस की कक्षा में भेजा जाएगा। यह मिशन मार्च, 2028 में लांच होगा। इस पर करीब 1,200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले मिशन के लिए अगले चरण का एक लांचिंग व्हीकल तैयार करने को भी मंजूरी दी गई है। इस पर करीब आठ हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसे अगले 96 महीनों में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
आने वाले दिनों में इस नए लांचिंग व्हीकल से अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने में आसानी होगी। गौरतलब है कि अंतरिक्ष में अपना स्टेशन स्थापित करने का एलान प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद ही कर दिया था।
अंतरिक्ष में स्थापित दो स्टेशन
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन : यह अमेरिका, रूस सहित यूरोपीय देशों के सहयोग से स्थापित है। पृथ्वी से 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित है। इसे 1998 में लांच किया गया था। अंतरिक्ष में भेजा गया यह सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है। मौजूदा समय में यहां कई देशों के अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।
यह चीन का अंतरिक्ष स्टेशन है। पृथ्वी से 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर अंतरिक्ष में स्थापित है। यह वर्ष 2022 में भेजा गया था। इसमें भी मौजूदा समय में अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।
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india in space चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत अब अंतरिक्ष के क्षेत्र में और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। जल्द ही वह अंतरिक्ष से जुड़े अपने चार और मिशनों को अंजाम देगा।
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