BNP NEWS DESK। fake room inspectors यूपी बोर्ड की परीक्षा में बाहर से नकल कराने पर सख्ती के चलते माफिया ने केंद्रों पर फर्जी कक्ष निरीक्षक नियुक्त कराने की योजना को अंजाम दिया है। परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण के दौरान कई जनपदों में ऐसे मामले यूपी बोर्ड व राज्य स्तर के जनपदीय सचल दल के निरीक्षण में सामने आए हैं।
fake room inspectors परीक्षकों को दिए गए परिचय पत्र पर केंद्र व्यवस्थापक व जिला विद्यालय निरीक्षक/सह जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस/एडीआइओएस) के हस्ताक्षर हैं। ऐसे में यूपी बोर्ड जांच करा रहा है कि इसमें संबंधित केंद्र व्यवस्थापक के अलावा और किस-किस की भूमिका है, ताकि उन पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
नियमानुयार बोर्ड परीक्षा में 50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक परीक्षा केंद्र बने विद्यालयों के शिक्षक होंगे, लेकिन जिस दिन जिस विषय की परीक्षा होगी, उस विषय के शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगेगी। इसी मानक पर 50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक दूसरे विद्यालयों से लगाए जाएंगे। fake room inspectors
परीक्षक नियुक्त करने का दायित्व जिला विद्यालय निरीक्षकों पर है। कक्ष निरीक्षकों के प्रश्नपत्र पर जिला विद्यालय निरीक्षक/सह जिला विद्यालय निरीक्षकों के तथा संबंधित केंद्र के केंद्र व्यवस्थापक के हस्ताक्षर हैं। माध्यमिक के शिक्षकों के परिचय पत्र उनके फोटो स्कैन करके दिए गए हैं, जबकि बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के फोटो केंद्र पर लगाए जाने की व्यवस्था है।
इसी का फायदा कुछ जनपदों के कई केंद्रों पर माफिया की मिलीभगत से उठाया गया, जिसके चलते केंद्रों पर फर्जी कक्ष निरीक्षक पहुंचा दिए गए। केंद्र व्यवस्थापकों ने ऐसे लोगों को कक्ष निरीक्षक के परिचय पत्र दे दिए, जो कहीं शिक्षक ही नहीं हैं। कहीं-कहीं तो विषय में छेड़छाड़ भी की गई है, जिससे उनके परिचय पत्र पर गलत विषय लिखे गए हैं और उसी विषय की परीक्षा में उनकी ड्यूटी लगा दी गई है, जो विषय पढ़ाते हैं या वह विषय स्नातक या परास्नातक में रहा है।
कई केंद्रों पर आवश्यकता से ज्यादा कक्ष निरीक्षक लगाकर नकल कराने की योजना को मिलीभगत से अंजाम दिया गया। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से ऐसे मामलों में आख्या मांगी है, ताकि अन्य दोषियों पर भी कार्रवाई की जा सके।
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