• Contact
  • Home
  • Privacy Policy
Tuesday, May 20, 2025
  • Login
Bharat News Post
Advertisement
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • प्रदेश
    • यूपी
    • दिल्‍ली
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • अन्‍य
  • राजनीति
  • विशेष
    • टेकज्ञान
    • धर्म
    • पर्यटन
    • मनोरंजन
    • रोजगार
    • शिक्षा
    • हेल्‍थ
  • खेल
  • अर्थ जगत
  • बात अपनी
  • अपराध
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • प्रदेश
    • यूपी
    • दिल्‍ली
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • अन्‍य
  • राजनीति
  • विशेष
    • टेकज्ञान
    • धर्म
    • पर्यटन
    • मनोरंजन
    • रोजगार
    • शिक्षा
    • हेल्‍थ
  • खेल
  • अर्थ जगत
  • बात अपनी
  • अपराध
No Result
View All Result
Bharat News Post
No Result
View All Result
Home वाराणसी

काशी से स्‍वामी विवेकानंद का रहा गहरा लगाव

स्वामीजी का काशी से रिश्ता जन्म से महासमाधि काल के अंतिम समय तक रहा

BNPNEWS by BNPNEWS
January 11, 2024
in वाराणसी
Reading Time: 1 min read
0
Swami Vivekananda

काशी से स्‍वामी विवेकानंद का रहा गहरा लगाव

795
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare to Whatsapp

BNP NEWS DESK। Swami Vivekananda भारत भ्रमण के दौरान स्वामी विवेकानंद ने काशी में ही शिकागो जाने का निर्णय लिया था। उन्होंने वर्ष 1889 में प्रतिज्ञा की थी कि ‘शरीर वा पातयामि, मंत्र वा साधयामि या तो आदर्श की उपलब्धि करूंगा, नहीं तो देह का नाश कर दूंगा। वर्ष 1890 में काशी प्रवास के दौरान ही उन्होंने कहा था कि जब तक मैं समाज पर वज्र की भांति बरस नहीं पड़ूंगा, यहां लौटकर नहीं आऊंगा। वैसे स्वामीजी का काशी से रिश्ता जन्म से महासमाधि काल के अंतिम समय तक रहा। उनका इलाहाबाद और गाजीपुर से भी विशेष लगाव था।

वीरेश्वर शिव मंदिर में पूजा अर्चनकर यशस्वी पुत्र का आशीर्वाद मांगने का अनुरोध किया था

Swami Vivekananda स्वामी निखिलानंद ने अपनी पुस्तक में जिक्र किया है कि नरेन्द्रनाथ दत्त के जन्म के पूर्व उनकी मां भुवनेश्वरी देवी ने खुद को एक रात स्वप्न में भोले शंकर का ध्यान करते देखा। इसके बाद उन्होंने काशी में रहने वाली अपनी एक महिला रिश्तेदार से संकठा मंदिर के पास स्थित वीरेश्वर शिव मंदिर में पूजा अर्चनकर यशस्वी पुत्र का आशीर्वाद मांगने का अनुरोध किया था।

12 जनवरी 1863 सोमवार को कलकत्ता में उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। मां ने उसका नाम वीरेश्वर रखा लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों ने नरेन्द्रनाथ के नाम से उसे संबोधित करना शुरू कर दिया। यही नरेंद्रनाथ बाद में स्वामी विवेकानंद के नाम से विख्यात हुए। युवावस्था में नरेन्द्रनाथ गुरु श्रीरामकृष्ण परमहंस की शरण में रहे। गुरु के स्वर्गवास के बाद वह दक्षिणेश्वर के निकट वराहनगर मठ में गुरु भाइयों के साथ रहने लगे। इसी दौरान भारत भ्रमण के लिए निकले। Swami Vivekananda

उन्हें यहां व्याकरण, संस्कृत व दर्शन की शिक्षा भी दी

Swami Vivekananda वह सबसे पहले बनारस आए और गोलघर में दामोदर दास के धर्मशाला में रुके थे। सिंधिया घाट पर गंगा स्नान के दौरान बंगाली ड्योढ़ी के बाबू प्रमदा दास मित्रा से उनका सामना हुआ तो बगैर बोले ही दोनों के बीच एक संवाद कायम हो गया और प्रमदा दास स्वामीजी को अपने घर ले गए। उन्हें यहां व्याकरण, संस्कृत व दर्शन की शिक्षा भी दी।

स्वामीजी ने बनारस में ही यह निर्णय लिया था कि शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में शिरकत करेंगे। वर्ष 1889 और 1890 में स्वामीजी पुन: परिव्राजक के रूप में बनारस आए तो प्रमदा दास के मलदहिया स्थित बगीचे में रुके। विवेकानंद एक कुशल गायक तो थे ही साथ में मृदंग बजाने में भी सिद्धहस्त थे। Swami Vivekananda

इलाहाबाद में उनकी एक मुसलमान फकीर से मुलाकात हुई

1889 के अंत में वह वाराणसी में बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद लेने आये थे। यहां उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि या तो आदर्श की उपलब्धि करूंगा, नहीं तो देह का ही नाश कर दूंगा। इसी दौरान उनको पता चला कि उनके गुरु स्वामी योगानंद इलाहाबाद में बीमार हैं। उन्होंने तुरंत वहां पहुंचने का निश्चय किया। इलाहाबाद में उनकी एक मुसलमान फकीर से मुलाकात हुई जिनके चेहरे पर परमहंस की छवि स्वामीजी को दिखाई दी। इसके बाद स्वामीजी गाजीपुर गए और वहां के प्रसिद्ध संत पवहारी बाबा से मिले।
स्वामीजी पुन: 1890 में काशी आए।

 

भगवान बुद्ध, शंकराचार्य, चैतन्य महाप्रभु जैसे आचार्य भी अपने संदेश का प्रचार करने के पूर्व भी यहां आये थे। स्वामीजी ने काशी में गंगा घाट, देवालयों के अलावा संत-महात्माओं से सम्पर्क किया। तैलंग स्वामी और स्वामी भास्करानंद से खास मुलाकात की। इस के बाद विश्व धर्म सम्मेलन के लिए शिकागो गए। सितम्बर 1893 को उन्होंने अपना संबोधन दिया। इसके बाद विदेश यात्रा समाप्त कर भारत आए।

काशी में सेवा और धर्म प्रचार के लिए मठ स्थापित

बात जनवरी व फरवरी 1902 की है जब पुन: स्वामी विवेकानंद काशी आए। इस दौरान काशी के पुरोहितों ने उनका खूब सम्मान और स्वागत किया। इस वक्त स्वामीजी अर्दली बाजार स्थित गोपाल लाल विला (वर्तमान में एलटी कालेज) में ठहरे थे। इसी दौरान उनको काशी में सेवा और धर्म प्रचार के लिए मठ स्थापित करने के लिए कुछ लोगों ने सहयोग करने की बात की।

जिस पर वे तैयार हो गए। इसके बाद स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण स्वामीजी वापस बेलुर मठ चले गए। 4 जुलाई 1902 को वे महासमाधि में लीन हुए थे। 39 वर्ष 5 माह और 24 दिन की आयु में उन्होंने शरीर त्याग दिया। उन्होंने अपने जीवन काल में ही इस बात की भविष्यवाणी कर दी थी कि मैं 40 वर्ष पार नहीं करूंगा।

The Review

Swami Vivekananda

भारत भ्रमण के दौरान स्वामी विवेकानंद ने काशी में ही शिकागो जाने का निर्णय लिया था। उन्होंने वर्ष 1889 में प्रतिज्ञा की थी कि 'शरीर वा पातयामि, मंत्र वा साधयामि या तो आदर्श की उपलब्धि करूंगा

Related

BNPNEWS

BNPNEWS

Related Posts

open chess tournament
वाराणसी

महिला वर्ग में वाराणसी की आंचल व पुरुष में प्रयागराज के रवि चोपड़ा चैंपियन बने

May 19, 2025
वाराणसी

ललित चक्र के ग्रीष्मोत्सव में व‍िवि‍ध सांस्‍कृति‍क कार्यक्रमों की प्रस्‍तुत‍ि

May 20, 2025
Vishwa Hindu Mahasangh 
वाराणसी

योगी आदित्यनाथ के जन्‍मोत्‍सव को लेकर विश्व हिंदू महासंघ की तैयारी

May 19, 2025
Next Post
Swachh Survekshan 2023

वाराणसी को म‍िला स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के राष्ट्रीय पुरस्कार

ISKCON Varanasi

इस्कॉन 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के स्वागत में करेगा विविध कार्यक्रम

Arjun Ram Meghwal

राम मंदिर का विरोध करने वाले दुर्भाग्यशाली : अर्जुन राम मेघवाल

Discussion about this post

Recommended

Lauren Powell

लारेन पावेल उर्फ कमला को मिला अच्युत गोत्र

4 months ago
ICC T20 Ranking

सूर्यकुमार T20 रैंकिंग में पाकिस्तान के बल्लेबाज को हटाकर बने नंबर वन बल्लेबाज

Exit Poll Results 2022

गुजरात में भाजपा की सरकार, हिमाचल में कांग्रेस से कड़ी टक्कर

Chaturmas

आस्था की धरा पर बहेगी भक्ति धारा

Categories

  • -वाराणसी
  • GUJRAT
  • hariyana
  • karnatak
  • keral
  • News
  • Rajsthan
  • uttrakhand
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अन्‍य
  • अपराध
  • अर्थ जगत
  • ओडिशा
  • खेल
  • जनता की आवाज
  • टेकज्ञान
  • दिल्‍ली
  • धर्म
  • पंजाब
  • पर्यटन
  • पश्चिम बंगाल
  • प्रदेश
  • बात अपनी
  • बिहार
  • मध्‍य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • महाराष्ट्र
  • मौसम रिपोर्ट
  • यूपी
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय
  • रोजगार
  • वाराणसी
  • विशेष
  • व्यापार
  • शिक्षा
  • हेल्‍थ
  • हैदराबाद

Topics

kashi to jammu
No Result
View All Result

Highlights

प्रसिद्ध खगोल विज्ञानी जयंत नार्लीकर का 86 वर्ष की आयु में पुणे में निधन

महिला वर्ग में वाराणसी की आंचल व पुरुष में प्रयागराज के रवि चोपड़ा चैंपियन बने

हार्ट अटैक आए तो सीपीआर देकर तीन मिनट में बचा सकते जान

ललित चक्र के ग्रीष्मोत्सव में व‍िवि‍ध सांस्‍कृति‍क कार्यक्रमों की प्रस्‍तुत‍ि

योगी आदित्यनाथ के जन्‍मोत्‍सव को लेकर विश्व हिंदू महासंघ की तैयारी

शिवम क्‍लब के रक्‍तदान श‍िवि‍र में 56 रक्‍तवीर पहुंचे

Trending

Geeta Samota
राष्ट्रीय

गीता समोता ने ‘एवरेस्ट फतह’ कर रचा इतिहास

by BNPNEWS
May 20, 2025
0

BNP NEWS DESK। Geeta Samota सीआइएसएफ की सब इंस्पेक्टर गीता समोता ने 'एवरेस्ट फतह' कर इतिहास रच...

Geeta Samota

गीता समोता ने ‘एवरेस्ट फतह’ कर रचा इतिहास

May 20, 2025
Sharmila Tagore, Simi Grewal

कान में सत्यजीत रे की ‘अरण्येर दिन रात्रि’ की स्क्रीनिंग में शामिल हुईं शर्मिला टैगोर, सिमी ग्रेवाल

May 20, 2025
Jayant Narlikar

प्रसिद्ध खगोल विज्ञानी जयंत नार्लीकर का 86 वर्ष की आयु में पुणे में निधन

May 20, 2025
open chess tournament

महिला वर्ग में वाराणसी की आंचल व पुरुष में प्रयागराज के रवि चोपड़ा चैंपियन बने

May 19, 2025

We bring you the best Premium WordPress Themes that perfect for news, magazine, personal blog, etc.

Follow us on social media:

Recent News

  • गीता समोता ने ‘एवरेस्ट फतह’ कर रचा इतिहास
  • गीता समोता ने ‘एवरेस्ट फतह’ कर रचा इतिहास
  • कान में सत्यजीत रे की ‘अरण्येर दिन रात्रि’ की स्क्रीनिंग में शामिल हुईं शर्मिला टैगोर, सिमी ग्रेवाल

Category

  • -वाराणसी
  • GUJRAT
  • hariyana
  • karnatak
  • keral
  • News
  • Rajsthan
  • uttrakhand
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अन्‍य
  • अपराध
  • अर्थ जगत
  • ओडिशा
  • खेल
  • जनता की आवाज
  • टेकज्ञान
  • दिल्‍ली
  • धर्म
  • पंजाब
  • पर्यटन
  • पश्चिम बंगाल
  • प्रदेश
  • बात अपनी
  • बिहार
  • मध्‍य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • महाराष्ट्र
  • मौसम रिपोर्ट
  • यूपी
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय
  • रोजगार
  • वाराणसी
  • विशेष
  • व्यापार
  • शिक्षा
  • हेल्‍थ
  • हैदराबाद
  • About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact

© 2021 Bharat News Post- All rights belong to their respective owners.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • प्रदेश
    • यूपी
    • दिल्‍ली
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • अन्‍य
  • राजनीति
  • विशेष
    • टेकज्ञान
    • धर्म
    • पर्यटन
    • मनोरंजन
    • रोजगार
    • शिक्षा
    • हेल्‍थ
  • खेल
  • अर्थ जगत
  • बात अपनी
  • अपराध

© 2021 Bharat News Post- All rights belong to their respective owners.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?