BNP NEWS DESK। India International Film Festival दुनिया के कई हिस्सों में संघर्षों के बीच ‘मासूम’, ‘मिस्टर इंडिया’ और ‘बैंडिट क्वीन’ जैसी हिंदी फिल्मों के लिए मशहूर फिल्ममेकर शेखर कपूर का कहना है कि अगर देश एक-दूसरे को अपनी कहानियां सुनाना शुरू कर दें, तो उनके बीच झगड़े रुक सकते हैं।
गोवा में 55वें इंडिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ( इफ्फी) के उद्घाटन के दौरान शेखर कपूर ने कहा कि ध्रुवीकृत दुनिया में, देशों के भीतर, समुदायों के भीतर, एक-दूसरे से बात करने का एकमात्र तरीका एक-दूसरे को अपनी कहानियां सुनाना है। कहानियां वह होती हैं, जिससे हम संबंधित होते हैं, कहानियां वह होती हैं, जिससे हम एक-दूसरे को समझते हैं।
भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया में सबसे बड़ा कंटेंट निर्माता
उन्होंने कहा, भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया में सबसे बड़ा कंटेंट निर्माता है। हम दुनिया में सबसे बड़े कंटेंट उपभोक्ता हैं। इसलिए, इस महोत्सव के लिए मैंने सभी से जश्न मनाने की अपील की, न केवल फिल्म निर्माताओं से बल्कि दर्शकों से भी।
आइए अपनी कहानियां सुनाएं। हर जगह लड़ाई-झगड़े, मिसाइलें, इसे रोकने का एकमात्र तरीका यह है कि हम में से हर कोई एक साथ आए और अपनी कहानियां सुनाए।
आस्कर नामांकित पीरियड ड्रामा एलिजाबेथ, द फोर फेदर्स और एलिजाबेथ : द गोल्डन एज के साथ हालीवुड में सफलतापूर्वक कदम रखने वाले शेखर कपूर ने कहा कि फिल्म महोत्सव केवल पुरस्कार जीतने के बारे में नहीं हैं। दुनिया में सबसे अच्छा महोत्सव आयोजित करना उद्देश्य होना चाहिए।पुरस्कार जीतना नहीं।
महोत्सव का अर्थ एक साथ आना
महोत्सव का अर्थ एक साथ आना और अपनी कहानियां सुनाना है ताकि हम एक-दूसरे को समझ सकें। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह का संचालन अभिनेत्री भूमि पेडणेकर और अभिनेता अभिषेक बनर्जी ने किया।
समारोह के दौरान भारतीय सिनेमा की प्रख्यात हस्तियों राज कपूर, मोहम्मद रफी, तपन सिन्हा और अक्किनेनी नागेश्वर राव को श्रद्धांजलि दी गई। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, शेखर कपूर की मौजूदगी में मंच पर चारों हस्तियों के परिवारों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर अक्किनेनी नागेश्वर राव के बेटे और अभिनेता नागार्जुन अक्किनेनी ने कहा, उन्होंने मुझे जीवन, सिनेमा और जीने का तरीका सिखाया। 20 नवंबर से शुरू हुआ यह महोत्सव 28 नवंबर को समाप्त होगा।
श्री श्री रवि शंकर से प्रेरित होकर बनेगी फिल्म
भारत और कोलंबिया ने फिल्म उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए आडियो-विजुअल सह-निर्माण समझौते पर हस्ताक्षर किए है। अनुबंध के बाद पहली फिल्म श्री श्री रविशंकर से प्रेरित होकर बनाई जा रही है। इस फिल्म का नाम ट्रूस अर्गेंस्ट आल आड्स होगा।
इसके बारे में निर्माता महावीर जैन ने बताया कि दुनिया का सबसे बड़ा अंदरुनी टकराव कोलंबिया में पिछले 55 साल से चल रहा था। दुनिया की सुपरपावर ने वहां शांति लाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। गुरुदेव के जाने से वहां का टकराव खत्म हुआ।
शांति लाने में गुरुदेव की भूमिका पर फिल्म आधारित होगी। यह फिल्म अंग्रेजी और स्पेनिश में बन रही है। फिर दुनिया की हर भाषा में इसे डब किया जाएगा।
खास आकर्षण
– सिनेमा की विरासत को संरक्षण करने का इफ्फी का लक्ष्य है। इसलिए इस साल कार्यक्रम का उद्घाटन कई गणमान्य लोगों ने पौधे को पानी देकर किया।
– इंटरनेशनल कंपटिशन कैटेगरी में 101 देशों से 1676 फिल्मों ने आवेदन किया था। जिनमें से 81 देशों की 150 फिल्में चुनी गई हैं।
– इंडियन पैनोरमा में 384 फीचर फिल्मों में से 25 फिल्में चुनी गई हैं। 262 नान फीचर फिल्मों में से 20 को चुना गया है। इंडियन पैनोरोमा की शुरुआत हिंदी फिल्म स्वातंत्र्यवीर सावरकर फिल्म से की जाएगी।
– इफ्फी का ध्यान युवाओं पर है, इसलिए नई अवार्ड कैटेगरी की भी घोषणा की गई है, जिसके तहत डेब्यू फिल्म इंडियन डायरेक्टर को उनकी फिल्म के लिए अवार्ड दिया जाएगा। महिलाओं द्वारा निर्देशित 47 फिल्मों को भी शामिल किया गया है।
आस्ट्रेलिया के निर्देशक फिलिप नोएस को सत्यजीत रे लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
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