BNP NEWS DESK। Sri Krishna Birthplace श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में पुरातत्व विभाग की एक स्वीकारोक्ति न्यायालय में हिंदू पक्ष के लिए मजबूत साक्ष्य बनेगी। एक आरटीआइ के जवाब में पुरातत्व विभाग (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने कहा है कि औरंगजेब ने मथुरा में केशव देव मंदिर तोड़कर शाही मस्जिद ईदगाह का निर्माण किया। यह आरटीआइ मैनपुरी में रहने वाले अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने लगाई थी। मथुरा न्यायालय में इस दस्तावेज को उन्होंने अपने वाद में साक्ष्य के तौर पर लगाया है। सुप्रीम कोर्ट में भी उन्होंने इस मामले में वादी बनने को यह जवाब प्रस्तुत किया है।
शाही मस्जिद ईदगाह ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान का मूल गर्भगृह
Sri Krishna Birthplace अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने करीब एक वर्ष पूर्व मथुरा न्यायालय में वाद दायर किया था। इसमें दावा किया था कि शाही मस्जिद ईदगाह ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान का मूल गर्भगृह है। तीन फरवरी, 2023 को पुरातत्व विभाग ने उनकी आरटीआइ के जवाब में कहा कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर शाही मस्जिद ईदगाह का निर्माण किया था। नवंबर 1920 में विभाग ने प्रकाशित अपने गजट में भी इसका उल्लेख किया है।
अजय प्रताप सिंह का कहना है, पूर्व में उन्होंने न्यायालय में इस तथ्य को दाखिल किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रंजना अग्निहोत्री आदि के वाद पर 14 दिसंबर 2023 को शाही मस्जिद ईदगाह का कोर्ट कमीशन सर्वे कराने का आदेश दिया था। इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पक्षकार बनने को अजय प्रताप सिंह ने वाद दायर किया है।
इसमें भी उन्होंने यह जवाब दाखिल किया है। उनका कहना है कि यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है, जो बताता है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़कर शाही मस्जिद ईदगाह का निर्माण किया गया है। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने बताया कि हमें ऐसी किसी रिपोर्ट की जानकारी नहीं है। इसलिए इस पर कुछ कह पाना मुश्किल है। कोर्ट में यदि विपक्षी कोई तथ्य दाखिल करेंगे तो हम उसका जवाब प्रस्तुत करेंगे।
जामा मस्जिद-केशव देव विग्रह प्रकरण में अब 12 को सुनवाई
जामा मस्जिद की सीढ़ियों में केशव देव के विग्रह दबे होने के मामले में मंगलवार को बहस के दौरान जामा मस्जिद पक्ष ही उपस्थित हुआ। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पक्ष उपस्थित नहीं हुआ। लघुवाद न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 12 फरवरी नियत की है। यह वाद योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने लघुवाद न्यायालय में दायर किया था। याचिका में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और जामा मस्जिद इंतेजामिया कमेटी को प्रतिवादी बनाया है।
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श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में पुरातत्व विभाग की एक स्वीकारोक्ति न्यायालय में हिंदू पक्ष के लिए मजबूत साक्ष्य बनेगी।
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