BNP NEWS DESK। sp congress alliance सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया में लगभग एक सप्ताह के ठहराव से गठबंधन पर आशंकाओं का कुंहासा गहरा होता जा रहा था कि शनिवार को अनूठा घटनाक्रम सामने आया। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ 11 सीटों पर सहमति की अधिकृत घोषणा कर दी।
sp congress alliance यह आश्चर्यजनक था कि कांग्रेस की उत्तरप्रदेश इकाई से लेकर दिल्ली तक के नेता इस कथित सहमति से अनभिज्ञ थे। उन्होंने इस तरह की जानकारी से इन्कार भी कर दिया।
यह सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा
हालांकि, बाद में जिस तरह से संतुलन बनाते तर्क समाने आए, उससे माना जा रहा है कि तरह-तरह की चर्चाओं के बीच गठबंधन को संभालने के लिए सपा की ओर से कांग्रेस को फिलहाल 11 सीटों की पेशकश की है।
अखिलेश यादव ने शनिवार को दोपहर में एक्स पर पोस्ट में लिखा- कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्द्रपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है.. यह सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।
दिल्ली में 17 जनवरी को हुई बैठक के बाद कोई दूसरी बैठक ही नहीं हुई तो सीटों पर समझौता कैसे हो गया
सपा प्रमुख के इस दावे ने कुछ समय के लिए कांग्रेस नेताओं को भी असमंजस और उलझन में डाल दिया। सीटों के बंटवारे की हर बैठक में शामिल रहे प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने इस प्रकार की किसी भी सहमति से अनभिज्ञता जताई। कहा कि दिल्ली में 17 जनवरी को हुई बैठक के बाद कोई दूसरी बैठक ही नहीं हुई तो सीटों पर समझौता कैसे हो गया? यदि हाईकमान से हुआ हो तो जानकारी नहीं है।
वहीं, तत्काल प्रक्रिया में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी मीडिया से यही कहा कि सपा कैसे सीटों की घोषणा कर सकती है, यह घोषणा तो कांग्रेस करेगी। अभी बातचीत फाइनल नहीं हुई है।
इधर, दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय संचार महासचिव जयराम रमेश की प्रतिक्रिया से भी कांग्रेस की स्थिति को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा- अखिलेश यादव ने कुछ पोस्ट किया है। अशोक गहलोत की अखिलेश यादव से लगातार बात चल रही है। बातचीत सकारात्मक दिशा में है।
यूपी कांग्रेस के नेताओं के बयान भी बदल गए
बोले कि हमारे मुकुल वासनिक के नेतृत्व में बनी समिति के साथ सपा की बातचीत चल रही थी, जिसका बहुत जल्द सकारात्मक परिणाम सामने आने वाला है। कुछ पदाधिकारी कह रहे हैं कि यह उन 11 सीटों की बात है।
जिन पर सपा और कांग्रेस के बीच सहमति बन चुकी है। लड़ेगी तो कांग्रेस 20 से अधिक सीटों पर ही।
उलझन और असमंजस के बाद बयानों से बनाए जा रहे संतुलन के पीछे दूसरी कहानी बताई जा रही है। कांग्रेस के कुछ नेता मानते हैं कि दरअसल, सपा चाहती ही है कि कांग्रेस को दस या बारह से अधिक सीटें न दी जाएं।
बंगाल और बिहार में झटका मिलने के बाद कांग्रेस को दबाव में मानकर अखिलेश ने 11 सीटों का दांव चल दिया है
अब कांग्रेस का रुख देखकर दो-चार सीटें बढ़ा सकते हैं, जबकि कांग्रेस 20 से 25 सीटें चाहती है। कुछ नेताओं का मानना है कि अन्य राज्यों में गठबंधन पर आंच देख अखिलेश भी बेचैन हैं। वह उन चर्चाओं को विराम देना चाहते हैं कि यूपी में भी गठबंधन डिरेल हो सकता है।
लिहाजा, सकारात्मक संदेश देने के लिए 11 सीटों पर सहमति की आननफानन घोषणा कर दी है। मगर, इस पूरे घटनाक्रम ने यह संकेत कर दिया है कि दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर तालमेल और संवाद वैसा नहीं है, जैसे दावे किए जा रहे हैं।
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सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया में लगभग एक सप्ताह के ठहराव से गठबंधन पर आशंकाओं का कुंहासा गहरा होता जा रहा था
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