BNP NEWS DESK। Sheikh Hasina शेख हसीना इस साल जनवरी में हुए चुनाव में लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री चुनी गई थीं। यह उनका पांचवा कार्यकाल था। बांग्लादेश में उनके 15 साल के शासन के अचानक समाप्त करने वाले नाटकीय घटनाक्रम से पहले उनके समर्थक उन्हें आयरन लेडी के रूप में सराहते रहे हैं। हसीना ने एक समय सैन्य शासित बांग्लादेश को स्थिरता प्रदान की थी। वह दुनिया की सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली महिला शासन प्रमुखों में से एक रही हैं।
हसीना भारत में होने की वजह से बच गई
Sheikh Hasina सितंबर 1947 में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) में जन्मी शेख हसीना राजनीति में 1960 में सक्रिय हुईं। उस समय वह ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ रही थीं। अगस्त 1975 में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान उनकी पत्नी और उनके तीन बेटों की घर में सैन्य अधिकारियों द्वारा हत्या कर दी गई। हसीना भारत में होने की वजह से बच गई थीं। उन्होंने 1981 में बांग्लादेश वापसी की और लोकतंत्र को लेकर मुखर हुईं।
हसीना के पति परमाणु विज्ञानी थे
शेख हसीना ने 1981 से अपने पिता द्वारा स्थापित अवामी लीग का नेतृत्व किया। हसीना ने अपनी प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया को हराने के बाद 1996 से 2001 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। हसीना के पति परमाणु विज्ञानी थे, जिनकी 2009 में मृत्यु हो गई। शेख हसीना 2001 में चुनाव हार गईं। उन्होंने 2008 में हुए चुनाव में वापसी की। इसके तुरंत बाद 1971 के युद्ध अपराध मामलों की सुनवाई के लिए ट्रिब्यूनल का गठन किया।
खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल जेल की सजा
विपक्ष के कुछ हाई-प्रोफाइल सदस्यों को दोषी ठहराया गया, जिससे हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। इस्लामवादी पार्टी और बीएनपी की प्रमुख सहयोगी जमात-ए-इस्लामी को 2013 में चुनाव में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया। बीएनपी प्रमुख खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
बीएनपी और उसके सहयोगियों ने गैर-पार्टी कार्यवाहक सरकार के तहत चुनाव की मांग करते हुए वोटों का बहिष्कार किया। जनवरी में हसीना ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की।
पीएम बनने के छह महीने बाद देश में 1971 के मुक्ति संग्राम में शामिल लोगों के स्वजनों के लिए नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ विरोध शुरू हो गया। विरोध ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें 300 लोगों की मौत हो गई, जिसके कारण उन्हें देश छोड़ना पड़ा।
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शेख हसीना इस साल जनवरी में हुए चुनाव में लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री चुनी गई थीं। यह उनका पांचवा कार्यकाल था।
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