BNP NEWS DESK। Buddha Bone Relic सारनाथ स्थित महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया के तत्वावधान में मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर के 92वें वार्षिकोत्सव के तीसरे दिन सोमवार को तिब्बती वाद्य यंत्र की धुन व फूलों की बौछार के बीच बुद्ध की अस्थि अवशेष की शोभायात्रा निकाली गई।
Buddha Bone Relic महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया के संयुक्त सचिव भिक्षु आर सुमित्ता नन्द थेरो के नेतृत्व में दोपहर 12.30 बजे अस्थि अवशेष को हाथी पर रखे हौदे पर रखा गया। शोभायात्रा में सबसे आगे तीन रथों पर वियतनामी बौद्ध अनुयायी, उसके पीछे वज्र विद्या संस्थान के बौद्ध भिक्षु वाद्य यंत्र बजाते हुए चल रहे थे।
रास्ते मे बौद्ध अनुयायी फूलों की वर्षा करते चल रहे थे। शोभायात्रा मुख्य चौराहा होते हुए तिब्बती बौद्ध मंदिर, आकाशवाणी तिराहा, चौखंडी स्तूप, सग्रहालय , पुरातात्विक खंडहर परिसर में धमेख स्तूप की परिक्रमा करते हुए सीधे मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुंची। जहां सभी बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर धर्म चक्र सूत्र पाठ किया। इस शोभायात्रा में भिक्षु पी शिबली थेरो, भिक्षु जिनानन्द थेरो, प्रवीण श्रीवास्तव, अंकुर सहित वियतनामी, थाईलैंड, जापान, श्रीलंका, म्यांमार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के बौद्ध अनुयायी शामिल थे।
वर्तमान समय मे विश्व को बुद्ध के उपदेश से कल्याण संभव: प्रो. राममोहन पाठक
महाबोधि विद्या परिषद के अध्यक्ष प्रो. राममोहन पाठक ने कहा कि वर्तमान समय मे बुद्ध के विचार अपनाने से ही वैश्विक कल्याण संभव है। उनके बताए मार्ग शील, समाधि, प्रज्ञा, मैत्री व करुणा पर अमल करके बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है। बुद्ध ने राजकुमार से सन्यासी बनने तक की तपस्या प्रेणना व सुचिता देता है। सारनाथ में प्रवेश करते ही इसका आभास होने लगता है।
विहाराधिपति महाबोधि सोसायटी सांची व जापान के प्रधान संघनायक भिक्षु बनागल उपतिस्स महाथेरो ने कहा कि बुद्ध ने दुनिया को शांति का संदेश दिया। इसे आत्मसात कर प्राचीन भारत विश्वगुरु बन गया। उनके बताए अष्टांगिक मार्ग पर चलकर व्यक्ति अपना जीवन सुख व शांतिमय कर सकता है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च सेंटर नई दिल्ली के अनिर्बान मुखर्जी, महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के महासचिव भिक्षु पी शिवली थेरो, इंडो-श्रीलंका जम्मुदीप मंदिर के प्रभारी भिक्षु के सिरी सुमेध थेरो ने विचार व्यक्त किया। संचालन प्रवीण श्रीवास्तव व अतिथियों का स्वागत विहाराधिपति भिक्षु आर सुमितानंद थेरो ने किया।
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Buddha Bone Relic
Buddha Bone Relic सारनाथ स्थित महाबोधि सोसाइटी आफ इंडिया के तत्वावधान में मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर के 92वें वार्षिकोत्सव के तीसरे दिन सोमवार को तिब्बती वाद्य यंत्र की धुन व फूलों की बौछार के बीच बुद्ध की अस्थि अवशेष की शोभायात्रा निकाली गई।
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