बीएनपी न्यूज डेस्क। President Election 2022 राष्ट्रपति चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का एलान किया है। मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। यह पहला मौका नहीं है जब मायावती ने भाजपा को समर्थन दिया है। इससे पहले भी कई मौके आए हैं जब मायावती भाजपा के साथ आ चुकी हैं। चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती तीन बार भाजपा की मदद से ही इस पद पर पहुंची थीं।
2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा 24 साल बाद साथ आए। चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलने पर मायावती ने सपा से गठबंधन तोड़ लिया। इसके बाद से कई बार मायावती पर भाजपा से नजदीकियों के आरोप लग चुके हैं। सपा से गठबंधन के पहले भी मायावती पर भाजपा की मदद करने के आरोप लगते रहे थे।
बसपा और भाजपा के बीच अंदरूनी गठबंधन के दावों को और हवा मिली जब 2020 में महज 15 विधायकों के बल पर बसपा ने रामजी गौतम को राज्यसभा चुनाव खड़ा कर दिया। उस वक्त खाली हो रही दस सीटों में से भाजपा के पास नौ जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल था। इसके बाद भी भाजपा ने केवल आठ उम्मीदवार उतारे। इसकी वजह बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम निर्विरोध जीत गए। इस दौरान कांग्रेस और सपा ने भाजपा-बसपा के गठजोड़ का आरोप लगाया था।
बसपा और भाजपा के बीच अंदरूनी गठबंधन के दावों को और हवा मिली जब 2020 में महज 15 विधायकों के बल पर बसपा ने रामजी गौतम को राज्यसभा चुनाव खड़ा कर दिया। उस वक्त खाली हो रही दस सीटों में से भाजपा के पास नौ जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल था। इसके बाद भी भाजपा ने केवल आठ उम्मीदवार उतारे। इसकी वजह बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम निर्विरोध जीत गए। इस दौरान कांग्रेस और सपा ने भाजपा-बसपा के गठजोड़ का आरोप लगाया था।
2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भी लगातार मायावती की पार्टी पर भाजपा को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे। यहां तक कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी सपा ने मायावती पर भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए मुस्लिम मतदाताओं को बरगलाने का आरोप लगाया था।
हाल ही में हुए उप-चुनाव में भी सपा ने बसपा और भाजपा में साठगांठ का आरोप लगाया। आजमगढ़ से सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि बसपा-भाजपा में गुप्त एजेंडा है। उन्होंने दावा किया कि पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के लोगों ने भाजपा को जिताने का काम किया। विश्लेषक भी मांनते हैं कि बीते विधानसभा चुनाव में बसपा का वोट भाजपा को शिफ्ट हुआ।
हाल ही में हुए उप-चुनाव में भी सपा ने बसपा और भाजपा में साठगांठ का आरोप लगाया। आजमगढ़ से सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि बसपा-भाजपा में गुप्त एजेंडा है। उन्होंने दावा किया कि पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के लोगों ने भाजपा को जिताने का काम किया। विश्लेषक भी मांनते हैं कि बीते विधानसभा चुनाव में बसपा का वोट भाजपा को शिफ्ट हुआ।
मुर्मू को समर्थन देने का ममता ने क्या कारण बताया?
President Election 2022 मायावती ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक में बसपा को न बुलाए जाने पर हमला बोला। मायावती ने कहा कि हमें विपक्ष ने अलग-थलग रखा। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का षड़यंत्र देखने को मिला। हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि हमारा यह फैसला न तो भाजपा या एनडीए के समर्थन में है और न ही विपक्ष के खिलाफ। हम अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के पक्ष में हैं। मायावती ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक विपक्षी उम्मीदवार का चयन करने के लिए 15 जून को बुलाई थी और केवल चयनित पार्टियों को आमंत्रित किया इसके साथ ही जब शरद पवार ने 21 जून को एक बैठक बुलाई, तो बसपा को भी आमंत्रित नहीं किया गया था।
President Election 2022 मायावती ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक में बसपा को न बुलाए जाने पर हमला बोला। मायावती ने कहा कि हमें विपक्ष ने अलग-थलग रखा। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का षड़यंत्र देखने को मिला। हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि हमारा यह फैसला न तो भाजपा या एनडीए के समर्थन में है और न ही विपक्ष के खिलाफ। हम अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के पक्ष में हैं। मायावती ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक विपक्षी उम्मीदवार का चयन करने के लिए 15 जून को बुलाई थी और केवल चयनित पार्टियों को आमंत्रित किया इसके साथ ही जब शरद पवार ने 21 जून को एक बैठक बुलाई, तो बसपा को भी आमंत्रित नहीं किया गया था।
बीएनपी न्यूज डेस्क। President Election 2022 राष्ट्रपति चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का एलान किया है। मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। यह पहला मौका नहीं है जब मायावती ने भाजपा को समर्थन दिया है। इससे पहले भी कई मौके आए हैं जब मायावती भाजपा के साथ आ चुकी हैं। चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती तीन बार भाजपा की मदद से ही इस पद पर पहुंची थीं।
2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा 24 साल बाद साथ आए। चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलने पर मायावती ने सपा से गठबंधन तोड़ लिया। इसके बाद से कई बार मायावती पर भाजपा से नजदीकियों के आरोप लग चुके हैं। सपा से गठबंधन के पहले भी मायावती पर भाजपा की मदद करने के आरोप लगते रहे थे।
बसपा और भाजपा के बीच अंदरूनी गठबंधन के दावों को और हवा मिली जब 2020 में महज 15 विधायकों के बल पर बसपा ने रामजी गौतम को राज्यसभा चुनाव खड़ा कर दिया। उस वक्त खाली हो रही दस सीटों में से भाजपा के पास नौ जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल था। इसके बाद भी भाजपा ने केवल आठ उम्मीदवार उतारे। इसकी वजह बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम निर्विरोध जीत गए। इस दौरान कांग्रेस और सपा ने भाजपा-बसपा के गठजोड़ का आरोप लगाया था।
बसपा और भाजपा के बीच अंदरूनी गठबंधन के दावों को और हवा मिली जब 2020 में महज 15 विधायकों के बल पर बसपा ने रामजी गौतम को राज्यसभा चुनाव खड़ा कर दिया। उस वक्त खाली हो रही दस सीटों में से भाजपा के पास नौ जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल था। इसके बाद भी भाजपा ने केवल आठ उम्मीदवार उतारे। इसकी वजह बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम निर्विरोध जीत गए। इस दौरान कांग्रेस और सपा ने भाजपा-बसपा के गठजोड़ का आरोप लगाया था।
2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भी लगातार मायावती की पार्टी पर भाजपा को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे। यहां तक कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी सपा ने मायावती पर भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए मुस्लिम मतदाताओं को बरगलाने का आरोप लगाया था।
हाल ही में हुए उप-चुनाव में भी सपा ने बसपा और भाजपा में साठगांठ का आरोप लगाया। आजमगढ़ से सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि बसपा-भाजपा में गुप्त एजेंडा है। उन्होंने दावा किया कि पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के लोगों ने भाजपा को जिताने का काम किया। विश्लेषक भी मांनते हैं कि बीते विधानसभा चुनाव में बसपा का वोट भाजपा को शिफ्ट हुआ।
हाल ही में हुए उप-चुनाव में भी सपा ने बसपा और भाजपा में साठगांठ का आरोप लगाया। आजमगढ़ से सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि बसपा-भाजपा में गुप्त एजेंडा है। उन्होंने दावा किया कि पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के लोगों ने भाजपा को जिताने का काम किया। विश्लेषक भी मांनते हैं कि बीते विधानसभा चुनाव में बसपा का वोट भाजपा को शिफ्ट हुआ।
मुर्मू को समर्थन देने का ममता ने क्या कारण बताया?
President Election 2022 मायावती ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक में बसपा को न बुलाए जाने पर हमला बोला। मायावती ने कहा कि हमें विपक्ष ने अलग-थलग रखा। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का षड़यंत्र देखने को मिला। हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि हमारा यह फैसला न तो भाजपा या एनडीए के समर्थन में है और न ही विपक्ष के खिलाफ। हम अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के पक्ष में हैं। मायावती ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक विपक्षी उम्मीदवार का चयन करने के लिए 15 जून को बुलाई थी और केवल चयनित पार्टियों को आमंत्रित किया इसके साथ ही जब शरद पवार ने 21 जून को एक बैठक बुलाई, तो बसपा को भी आमंत्रित नहीं किया गया था।
President Election 2022 मायावती ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक में बसपा को न बुलाए जाने पर हमला बोला। मायावती ने कहा कि हमें विपक्ष ने अलग-थलग रखा। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का षड़यंत्र देखने को मिला। हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि हमारा यह फैसला न तो भाजपा या एनडीए के समर्थन में है और न ही विपक्ष के खिलाफ। हम अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के पक्ष में हैं। मायावती ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक विपक्षी उम्मीदवार का चयन करने के लिए 15 जून को बुलाई थी और केवल चयनित पार्टियों को आमंत्रित किया इसके साथ ही जब शरद पवार ने 21 जून को एक बैठक बुलाई, तो बसपा को भी आमंत्रित नहीं किया गया था।
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