BNP NEWS DESK। CBSE ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि सीबीएसई की इस पहल का स्वागत है। इसका हर राज्य में समान रूप से पालन होना चाहिए। पढ़ाई और परीक्षा से लगातार संबद्ध रहने वाले छात्रों के लिए सुकून आवश्यक है।
फैसले के समर्थन में स्कूल संगठन
CBSE नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन अध्यक्ष डा.सुधा आचार्य ने बताया कि यह निर्देश जरूरी था। कई स्कूल पिछली कक्षाओं को समाप्त करने के साथ ही नई कक्षाओं की पढ़ाई शुरू कर देते हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों को शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से पहले शुरू करने के खिलाफ चेतावनी दी है। बोर्ड ने कि इससे छात्रों में चिंता और थकान का खतरा उत्पन्न होता है। सीबीएसई की यह चेतावनी कई स्कूलों द्वारा शैक्षणिक सत्र शुरू करने के बाद आई है, खासकर कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए।
सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, यह गौर किया गया है कि कुछ संबद्ध स्कूलों ने अपना शैक्षणिक सत्र वर्ष में कुछ जल्दी शुरू कर दिया है। कम समय सीमा में पूरे वर्ष के पाठ्यक्रम को पूरा करने का प्रयास करने से छात्रों के लिए जोखिम उत्पन्न होता है, जो चिंता और थकान का सामना कर सकते हैं। बोर्ड ने कहा कि शैक्षणिक सत्र को पहले से शुरू करने से छात्रों को पाठ्येतर गतिविधियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता, जैसे कि कौशल सीखना, नैतिक शिक्षा, स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा, कार्य शिक्षा और सामुदायिक सेवा। ये सभी गतिविधियां शिक्षा के समान ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के प्रधानाचार्यों और संस्थानों के प्रमुखों को निर्दिष्ट समय से पहले शैक्षणिक सत्र शुरू करने से परहेज करने और एक अप्रैल से 31 मार्च तक शैक्षणिक सत्र का सख्ती से पालन करने की सलाह दी जाती है।
The Review
CBSE
CBSE ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि सीबीएसई की इस पहल का स्वागत है। इसका हर राज्य में समान रूप से पालन होना चाहिए।
Discussion about this post