बीएनपी न्यूज डेस्क। कानपुर में रहने वाले मशहूर इत्र कारोबारी पीयूष जैन को अवैध संपत्ति के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके घर पर करीब छह दिनों तक चले छापे में भारी संपत्ति का पता चला। पीयूष जैन ने खुद स्वीकार किया है कि उसके परिसर से बरामद नकदी बिना कर चुकाए माल की बिक्री से संबंधित थी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से उनके कानपुर स्थित आवास पर 22 दिसंबर को छापेमारी की गई थी। 27 दिसंबर को यह रेड समाप्त हो गई। इसके बाद बरामदगी के संबंध में जो आंकड़ा पेश किया गया है, वह चौंकाने वाला है। वहीं, अब इस मामले में जल्द ही ईडी की भी एंट्री होने वाली है। इत्र कारोबारी पीयूष जैन को सोमवार रिमांड मजिस्ट्रेट ने चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। दस जनवरी तक उसका न्यायिक रिमांड स्वीकृत किया गया है। इससे पहले कोर्ट में अभियोजन अधिकारी और बचाव पक्ष के बीच लंबी बहस चली। अभियोजन अधिकारी ने बरामदगी संबंधी जानकारी न्यायालय को दी और न्यायिक रिमांड मांगा वहीं बचाव पक्ष ने गिरफ्तारी को गलत बताते हुए रिमांड को निरस्त करने की अर्जी दी थी जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने पिछले हफ्ते कानपुर के एक इत्र व्यवसायी के यहां से 194 करोड़ से ज्यादा रुपये जब्त किए थे। अब इस आरोपी व्यवसायी ने एजेंसी को बताया है कि उसे पैसे कैसे मिले। छापेमारी में कारोबारी के कानपुर और कन्नौज के घर से करीब 194.45 करोड़ रुपये से ज्यादा नकदी, 23 किलो सोना, 600 किलो चंदन की लकड़ी बरामद हुई है। कुल संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये तक की आंकी जा रही है। सवाल उठता है कि व्यवसायी के पास इतना पैसा आया कहां से? हालांकि इसका जवाब खुद पीयूष जैन ने दिया है।
सीबीआईसी की ओर से सर्च ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद बरामदगी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। बोर्ड की ओर से बताया गया गया कि मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज के पार्टनर्स के घर में 22 दिसंबर से सर्च शुरू किया गया। इस क्रम में टीम 143, आनंदपुरी, कानपुर आवास पर छापेमारी करने पहुंची थी। सोमवार को यह छापेमारी समाप्त हो गई। इस सर्च ऑपरेश में भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी की गई। इस परिसर से 177.45 करोड़ रुपये कैश जब्त किए गए हैं। इसके अलावा बड़े पैमाने पर कागजात जब्त किए गए हैं। इन्हें प्रवर्तन निदेशालय से शेयर किया जा रहा है।
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