BNP NEWS DESK। paris paralympics 2024 पेरिस पैरालिंपिक 2024 में दूसरे दिन भारत के पैराएथलीटों ने धमाकेदार शुरुआत की और दिखा दिया कि हम में भी दम है। एक माह पूर्व पेरिस में हुए ओलिंपिक में भले ही भारतीय एथलीटों ने केवल छह पदक जीते हों, उनमें भी एक भी स्वर्ण नहीं जीता हो। पैरालिंपिक में भारतीय झोली में सर्वप्रथम शुक्रवार को स्वर्ण पदक ही आया। इसके साथ ही भारतीय पैराएथलीटों ने एक रजत और दो कांस्य भी जीत लिए।
पैरालिंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला
paris paralympics 2024 ‘वंडर गर्ल’ अवनि लेखरा पैरालिंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। उन्होंने टोक्यो के बाद पेरिस पैरालिंपिक में भी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जबकि भारत की मोना अग्रवाल को इसी स्पर्धा में कांस्य पदक मिला।
तीन वर्ष पहले टोक्यो में स्वर्ण जीतने वाली 22 वर्ष की अवनि ने 249.7 का स्कोर करके अपना ही 249.6 का पुराना रिकार्ड ध्वस्त किया। वहीं, दो वर्ष पहले निशानेबाजी में पदार्पण करने वाली मोना ने 228.7 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। 11 वर्ष की आयु में कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण अवनि व्हीलचेयर पर निर्भर हैं।
वह टोक्यो पैरालिंपिक 2021 में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज बनी थीं। वहीं, पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में मनीष नरवाल ने 234.9 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता। इस स्पर्धा में चीन के यांग शाओ 214.3 के स्कोर के साथ कांस्य और दक्षिण कोरिया के जो जियोंगडु ने 237.4 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता।
दो बार विश्व कप में स्वर्ण पदक
एसएच1 वर्ग में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी बाजुओं, कमर के निचले हिस्से, पैरों में विकृति होती है या उनकी बाजू नहीं होती है। क्वालीफिकेशन में गत चैंपियन अवनि ने 625.8 स्कोर किया और वह इरिना एस के बाद दूसरे स्थान पर रही थीं। दो बार विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मोना ने क्वालीफिकेशन में 623.1 स्कोर करके पांचवां स्थान प्राप्त किया था।
प्रीति ने भी बिखेरा जलवा
भारत की प्रीति पाल ने भी शुक्रवार को महिलाओं की टी35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीता। 23 वर्ष की प्रीति का कांस्य पदक पेरिस पैरालिंपिक की पैरा एथलेटिक्स में भारत का पहला पदक है।
चीन की झोऊ जिया (13.58) ने स्वर्ण और गुओ कियानकियान (13.74) ने रजत पदक जीता। टी35 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है जिनमें समन्वय संबंधी विकार जैसे हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस तथा मस्तिष्क पक्षाघात आदि शामिल होते हैं।
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पेरिस पैरालिंपिक 2024 में दूसरे दिन भारत के पैराएथलीटों ने धमाकेदार शुरुआत की और दिखा दिया कि हम में भी दम है।
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