बीएनपी न्यूज डेस्क। Varanasi Gyanvapi Masjid ज्ञानवापी परिसर में शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एडवोकेट कमिश्नर की पहले दिन की कार्यवाही पूरी हुई। तहखाने के तीन कमरों के ताले खोले गए, जबकि दशकों से बंद होने और जंग लग जाने के कारण एक का ताला नहीं खुला तो उसे तोड़ा गया। एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह, सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह समेत वादी और प्रतिवादी पक्ष के 52 लोगों के साथ कार्यवाही के लिए टीम सुबह आठ बजे ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश कर गई थी। कार्यवाही के दौरान दीवारों की बनावट देखी गई और तहखानों के अंदर कोने-कोने की वीडियोग्राफी करने के साथ सौ से अधिक तस्वीरें ली गईं। कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक करीब चार घंटे चली।
दीवारों व खंभों की बनावट देखी
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में टीम ने दीवारों व खंभों की बनावट की शैली को भी करीब से देखा और साक्ष्यों को कैमरे में कैद किया। तहखाने में अंधेरा होने की वजह से टार्च की व्यवस्था की गई थी। सीलन और दुर्गंध से भरे तहखाने में एक-एक कर टीम के सदस्यों ने प्रवेश किया। इस दौरान ज्ञानवापी परिसर को पूरी तरह खाली कराकर सुनिश्चित किया गया था कि कोई भी बाहरी व्यक्ति मौजूद न रहे। आसपास का पूरा क्षेत्र जहां सील रहा, वहीं करीब आने वालों को पूछताछ के बाद हिदायत देकर लौटा दिया गया। कार्यवाही शुरू होने से पहले ही टीम के सभी सदस्यों का मोबाइल फोन बाहर ही रखवा दिया गया था। तहखानों में कमल व स्वस्तिक की बनावट मिलने की बात सामने आई है। हालांकि, प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता तौहीद खां ने उसे ईंट पत्थर के निर्माता का ब्रांड बताया है।
आज भी जारी रहेगी कार्यवाही
एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही रविवार को भी जारी रहेगी। इस दिन ज्ञानवापी परिसर के प्रथम तल पर स्थित मस्जिद के अंदर व बाहर की दीवारों की वीडियो व फोटोग्राफी कराई जाएगी।
तहखाने में सांप मिलने की चर्चा
ज्ञानवापी परिसर के वर्षों से बंद तहखानों का सर्वे और वीडियोग्राफी की जानी थी, लिहाजा टीम टार्च लेकर गई थी। इसके अलावा ताला तोडऩे वाले, सफाईकर्मियों व वन विभाग की टीम को भी बुलाया गया था। कार्यवाही करने वाली टीम को आशंका थी कि तहखानों में जहरीले जीव मिल सकते हैं। तहखाने में सांप मिलने की बात सामने आई, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।
एक किलोमीटर के दायरे में 2000 पुलिसकर्मी
अदालत के सख्त रुख के बाद प्रशासन ने तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। ज्ञानवापी परिसर के एक किलोमीटर के दायरे में करीब 2000 पुलिसकर्मी व पीएसी के जवान तैनात थे। ज्ञानवापी परिसर से लगभग एक किलोमीटर पहले ही बैरिकेडिंग करके सभी को रोक दिया गया था। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि अदालत के फैसले के अनुरूप कार्यवाही की गई है। शेष कार्यवाही रविवार को पूरी की जाएगी। अदालत के निर्देशानुसार कार्यवाही की पूरी प्रक्रिया को गोपनीय रखा जा रहा है।
बाबा के भक्तों को गेट नंबर-1 से प्रवेश मिला
ज्ञानवापी मस्जिद के पश्चिमी द्वार के बेसमेंट का सर्वे शनिवार दोपहर 12 बजे तक पूरा कर लिया गया। अब शेष क्षेत्रों और बेसमेंट के सर्वे की कार्यवाही रविवार को की जाएगी। सुरक्षा के लिहाज से आसपास के घरों और छतों पर सुरक्षाबलों की तैनाती सुबह सात बजे ही कर दी गई थी। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और पूजन के लिए आस्थावानों को गेट नंबर-1 से प्रवेश कराया गया, जबकि ज्ञानवापी के पास मौजूद गेट नंबर चार को पूरी तरह से बाहरी लोगों के लिए बंद कर दिया गया।
सौहार्दपूर्ण वातारण में कार्यवाही
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील रईस अहमद ने कहा कि कमीशन की कार्यवाही सौहार्दपूर्ण वातावरण में आंशिक रूप से (लगभग 50 प्रतिशत) संपन्न हुई है। सभी का पूरा सहयोग मिला। मंदिर पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी व सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि किसी पक्ष ने कोई अवरोध उत्पन्न नहीं किया। कार्यवाही सुचारु रूप से संपन्न हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा से लेकर मौके पर लाइट, सफाईकर्मियों आदि की उचित व्यवस्था की गई थी।
जैसा सोचा, वैसा ही मिल रहा
ज्ञानवापी परिसर प्रकरण में याचिका दाखिल करने वाली महिलाओं के पैरोकार डा. सोहन लाल आर्य ने बताया कि जैसा सोचा गया था, जितनी कल्पना की गई थी, वैसे ही साक्ष्य मिले हैं।
यह है प्रकरण
दिल्ली की रेखा सिंह समेत वाराणसी की मंजू व्यास, रेखा पाठक, सीता साहू व लक्ष्मी देवी ने 18 अगस्त, 2021 को सिविल जज की अदालत में याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन व देवी-देवताओं के विग्रहों को संरक्षित करने की मांग की थी। अदालत ने इस संबंध में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही का आदेश दिया था। इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में कमीशन क कार्यवाही की जा रही है।
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