बीएनपी न्यूज डेस्क। गुजरात के आणंद में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती को अपनाने का आह्वान किया और कहा कि इस दिशा में नए सिरे से शोध करने होंगे और प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक सांचे में ढालना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भले ही रसायन और उर्वरकों ने हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो लेकिन अब खेती को रसायन की प्रयोगशाला से निकालकर प्रकृति की प्रयोगशाला से जोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कृषि से जुड़े प्राचीन ज्ञान को ना सिर्फ फिर से सीखने की जरूरत है बल्कि उसे आधुनिक समय के हिसाब से तराशने की भी आवश्यकता है।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने वर्चुअली कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती से जिन्हें सबसे अधिक फायदा होगा, वो हैं देश के 80 फीसद किसान। वो छोटे किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है। इनमें से अधिकांश किसानों का काफी खर्च, केमिकल फर्टिलाइजर पर होता है। अगर वो प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ेंगे तो उनकी स्थिति और बेहतर होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती का सबसे अधिक लाभ छोटे किसानों को होगा और यदि वह प्राकृतिक खेती का रुख करेंगे तो उन्हें भी इसका लाभ होगा। उन्होंने सभी राज्यों से प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ”कृषि के अलग-अलग आयाम हो, खाद्य प्रसंस्करण हो या फिर प्राकृतिक खेती हो, यह विषय 21वीं सदी में भारतीय कृषि का कायाकल्प करने में बहुत मदद करेगा। आजादी के अमृत महोत्सव में आज समय अतीत का अवलोकन करने और उनके अनुभवों से सीख लेकर नए मार्ग बनाने का भी है।”
गृह मंत्री अमित शाह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, प्राकृतिक खेती पर आयोजित प्रथम राष्ट्रीय संगोष्ठी में सभी का स्वागत करता हूं। पूरे देश में प्राकृतिक खेती को किसान अपनाए इसके लिए पीएम मोदी ने मुहिम को गति देने का निश्चय किया है। देश के किसान इसे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा, आजादी के बाद जीडीपी में कृषि के योगदान को सार्थक तरीके से बढ़ाने के रूप में पहल गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने की थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘गुजरात खेती और सिंचाई की दृष्टि से बहुत अच्छा प्रांत नहीं माना जाता था, यहां पीने के पानी की कमी भी बहुत थी। सरकारें तो बहुत आईं और गईं लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने भागीरथ बनकर गुजरात में पानी को बढ़ाया और खेती को भी समृद्ध बनाने का काम किया।’
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