बीएनपी न्यूज डेस्क। शासन-प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई से बाहुबली व माफिया मुख्तार अंसारी के करीबियों पर सामत आ गई है। अब तक इनके करीबियों की अवैध रूप से अर्जित की गई करीब 200 करोड़ की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है। यही नहीं प्रशासन पूरी तरह से माफिया के वर्चस्व को धूल धूसरित करने में जुटा हुआ है। माफिया से जुड़े हर तारों को खंगाला जा रहा है। अब माफिया के करीबी रामअवध सिंह की करोड़ों रुपये की जमीन कुर्क कर प्रशासन 29 जनवरी को नीलाम करने जा रहा है। इससे माफिया के करीबियों में दहशत का माहौल है। माफिया के गिरोह से जुड़े एक-एक अपराधियों, नामचीन सफेदपोशों, कोल माफियाओं, भू-माफियाओं, वसूली माफिया आदि की कुंडली तैयार कर मुख्तार गिरोह के फैले आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त किया जा रहा है। जनपद में जहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के मामले में पत्नी के नाम मुकदमा दर्ज किया गया तो दोनों बेटों के नाम की जमीन को भी जब्त कर ली गई है।
गणेश मिश्रा की लगभग 75 करोड़ की कीमत की जमीन पर कार्रवाई की गई
मुख्तार अंसारी के खासमखास गणेश मिश्रा की लगभग 75 करोड़ की कीमत की जमीन पर कार्रवाई की गई है। 2007 से 2012 के बीच मायावती सरकार ने मुख्तार अंसारी गिरोह के विरुद्ध कार्रवाई की थी। इसमें मछली व्यवसाय के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हुई। एकबारगी ऐसा लगा था कि गैंग टूट गया है परंतु समय के साथ एक बार फिर गिरोह फला-फूला। गिरोह ने मऊ सहित पूर्वांचल में एक बार फिर अपना सिक्का जमाया। 2017 में प्रदेश की बागडोर संभालते ही योगी सरकार ने मुख्तार गिरोह को एक बार फिर निशाने पर लिया।
सिक्का जमाए मुख्तार गिरोह की धमक खत्म करने का काम
गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, वाराणसी सहित पूर्वांचल में पीडब्ल्यूडी, जिला पंचायत व आरइएस के ठेकों पर सिक्का जमाए मुख्तार गिरोह की धमक खत्म करने का काम किया तो गिरोह से जुड़े सफेदपोशों, भू-माफियाओं व ठेकेदारों के संपत्तियों का ब्यौरा जुटाया जाने लगा। एक-एक अवैध संपत्ति की जांच के बाद होने वाली कार्रवाई से गिरोह के जुड़े लोग भूमिगत हो गए हैं। यही नहीं इनके करीबियों के ठेकेदारी के लाइसेंस जहां निरस्त कर दिए गए, वहीं असलहा भी जब्त कर लिया गया। यानी इनके करीबियों पर पूरी तरह से प्रशासन कार्रवाई करने में जुटा हुआ है। पिछले दिनों सरायलखंसी थाने के रणवीरपुर में बुलडोजर चलवा कर प्रशासन ने लाखों की संपत्ति अपने कब्जे में ले लिया। यही नहीं बीते जून माह में रणवीरपुर में ग्रामसमाज की भूमि पर किए गए विद्यालय के निर्माण को भी ढहवा दिया गया। यह स्कूल मुख्तार के करीबी रामनाथ यादव का था। इसके अलावा तमाम अन्य लोगों पर भी ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई।
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