BNP NEWS DESK। Nand Kishore Rungta कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन (प्रथम) व एमपी-एमएलए न्यायालय के पीठासीन अधिकारी उज्जवल उपाध्याय ने मुख्तार अंसारी को शुक्रवार को दोषी करार दिया। अदालत ने मुख्तार अंसारी को पांच साल छह माह के कारावास एवं दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
Nand Kishore Rungta बता दें कि रविन्द्रपुरी कालोनी निवासी कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा का 22 जनवरी 1997 को अपहरण कर लिया गया था। इस अपहरण कांड की विवेचना चल रही थी। इस बीच पांच नवंबर 1997 की शाम में नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा के लैंडलाइन फोन पर धमकी दी गई कि अपहरण कांड में पुलिस अथवा सीबीआइ में पैरवी न करें,नहीं तो बम से उसे उड़ा दिया जाएगा। महावीर प्रसाद की तहरीर पर एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाना में मुख्तार अंसारी के खिलाफ धमकाने का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने विवेचना पूरी कर तीन जुलाई 1998 को मुख्तार अंसारी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र सौंपा था। अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से महावीर प्रसाद रुंगटा समेत छह गवाहों का बयान दर्ज किया गया था।
नंद किशोर रुंगटा के अपहरण के मामले में सीबीआइ कोर्ट 27 जून 2000 को फैसला सुनाते हुए मुख्तार अंसारी समेत छह आरोपितों को दोषमुक्त कर चुका है।
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नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को शुक्रवार को दोषी करार दिया।
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