BNP NEWS DESK। Lota-Bhanta fair लोटा-भंटा मेला का महात्म्य भगवान श्रीराम से जुड़ा है, जहां शिव व राम का पहला मिलन स्थल रामेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
Lota-Bhanta fair विद्वानों की माने तो रावण वध के बाद भगवान श्रीराम ने प्रायश्चित करने के लिए यहां एक मुट्ठी रेत का शिवलिंग बना कर लोटा जल से पूजा कर बाटी-चोखा प्रसाद बनाकर भगवान शिव को भोग लगाया।
श्रद्धालु वरुणा में स्नान कर रामेश्वर महादेव का दर्शन पूजन कर कृतार्थ हुए
रामेश्वर में लगने वाला सुप्रसिद्ध लोटा-भंटा मेला उत्साहपूर्ण वातावरण में गुरुवार को सम्पन्न हुआ। आसपास के गाँवो व विभिन्न जनपदों से आये श्रद्धालु वरुणा में स्नान कर रामेश्वर महादेव का दर्शन पूजन कर कृतार्थ हुए। सपरिवार, मित्रो के संग बाटी -चोखा लगाया, भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद का आनन्द लिया।
मेला क्षेत्र में प्रातः काल से लेकर देर शाम तक रंग बिरंगे परिधानों,झूलों ,खिलौनों की दुकाने,लाई-चूड़ा ,घरेलू व् गृहस्ती कार्य सम्बन्धी सामानों में फावड़ा,खुरपी, कुदाल, हसुआ,चिमटे सहित जरूरत के सामानों की खरीददारी जोरों पर रही।
ग्रामीण महिलाओ की भीड़ सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर
वहीं ग्रामीण महिलाओ की भीड़ सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर रही। मेला क्षेत्र व आस-पास के बाग-बगीचों में धुआं ही धुंआ दिख रहा था।
इस साल मेले में हर तरह की सुरक्षा के लिए मन्दिर,पंचक्रोशी मार्ग,बाजार, शिवाला व विभिन्न चौराहो पर बैरियर संग पुलिस,पीएसी टीम सतर्क रही।मेला क्षेत्र में पुलिस बल ने कई सन्दिग्ध महिला,पुरुष को उठाया,देर शाम तक बैठाए रखा। मेला क्षेत्र में छिटपुट घटनाओ की चर्चा रही।
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