बीएनपी न्यूज डेस्क। INS Vikrant इंडियन नेवी को बहुत जल्द ही आईएनएस विक्रांत की सेवा मिलने लगेगी। भारतीय नेवी को 2 सितंबर को अपना दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर मिल जाएगा। यह एयरक्राफ्ट कैरियर स्वदेशी है और पहली बार भारत में इतनी बड़ी वॉरशिप का निर्माण हुआ है। एक ऐसे वक्त में जबकि चीन भारतीय समुद्री क्षेत्र में दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है, आईएनएस विक्रांत का आना काफी अहम हो सकता है।
नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस ‘विक्रांत’ के सेवा में शामिल होने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। घोरमडे ने कहा कि आईएनएस ‘विक्रांत’ को 2 सितंबर को कोच्चि में एक कार्यक्रम में नौसेना में शामिल किया जाएगा और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे।
नेवी के वाइस चीफ वाइस एडमिरल एस एन घोरमाडे ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत के निर्माण में बरेली, अंबाला, कच्छ, दिल्ली सहित 18 राज्य और यूटी से इक्विपमेंट्स बने हैं। विक्रांत भारत की एकता का प्रतीक है। एडमिरल घोरमाडे ने कहा कि विक्रांत की कमिशनिंग के बाद पूरी क्रू के साथ इसमें एयरक्राफ्ट लैंडिंग ट्रायल किए जाएंगे। यह नवंबर से शुरू हो जाएंगे और अगले साल जून-जुलाई तक यह पूरे हो जाएंगे। वैसे एयरक्राफ्ट कैरियर में ध्रुव हेलिकॉप्टर, सी किंग और चेतक हेलिकॉप्टर के ट्रायल पूरे हो गए हैं। अमेरिका से लिए गए रोमियो हेलिकॉप्टर और रूस के कामोव-31 चॉपर का ट्रायल अभी चल रहा है। एयरक्राप्ट कैरियर विक्रांत में शुरू में करीब 12 मिग-29के फाइटर जेट, ध्रुव, सी किंग, चेतक, रोमियो और कामोव तैनात किए जाएंगे।
INS Vikrant की जानें खासियत
भारत के अब तक के सबसे बड़े स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत में करीब 2,500 किलोमीटर का केबल लगाया गया है। INS विक्रांत की लंबाई 262 मीटर, चौड़ाई 62 मीटर और ऊंचाई 59 मीटर है। दो फुटबॉल मैदान के बराबर है विक्रांत का फ्लाइट डेक, जहां से विमान उड़ेंगे। इस युद्धपोत की स्पीड 28 नॉट की है और 7,500 समुद्री मील तक सफर की भी क्षमता है। विमानवाहक पोत में आठ पॉवर जनरेटर हैं जो पूरे कोच्चि शहर को रोशन करने की क्षमता रखते हैं। आठ किलोमीटर के बराबर बैठता है इस विमानवाहक पोत के गलियारों का एक चक्कर। इस इस युद्धपोत में 2,300 कंपार्टमेंट बनाए गए हैं, जिनमें 1,700 कर्मचारी बैठ सकते हैं।
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इंडियन नेवी को बहुत जल्द ही आईएनएस विक्रांत की सेवा मिलने लगेगी। भारतीय नेवी को 2 सितंबर को अपना दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर मिल जाएगा। यह एयरक्राफ्ट कैरियर स्वदेशी है और पहली बार भारत में इतनी बड़ी वॉरशिप का निर्माण हुआ है। एक ऐसे वक्त में जबकि चीन भारतीय समुद्री क्षेत्र में दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है, आईएनएस विक्रांत का आना काफी अहम हो सकता है।
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